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December 27, 2024 12:57 pm

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अवॉर्ड देने से पहले पूछी जाती है इच्छा, लौटाने का नहीं होता अधिकार; जानें क्या है नियम

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कोई भी पुरस्कार विजेता चाहे तो कारण बताकर अपना पुरस्कार लौटा सकता है लेकिन पद्म पुरस्कार की स्थिति में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है। जब एक बार किसी व्यक्ति को पद्म पुरस्कार से सम्मानित कर दिया जाता है तो उनका नाम भारत के गजट में प्रकाशित कर दिया जाता है। बजरंग पुनिया से पहले भी कई लोगों ने पद्म पुरस्कार वापस करने की घोषणा की है।

नई दिल्ली। हाल ही में कुश्ती में ओलंपिक पुरस्कार विजेता बजरंग पुनिया ने घोषणा की कि वह भारत सरकार द्वारा मिले पद्म पुरस्कार को लौटाने वाले हैं। मालूम हो कि बजरंग पुनिया पहले शख्स नहीं है, जिन्होंने भारत सरकार दिए गए पद्म पुरस्कार को वापस करने की बात नहीं की हो, इससे पहले भी कई विजेताओं ने ऐसी घोषणा की है।

पद्म पुरस्कार से जुड़ा है ये नियम
टाइम्स आफ इंडिया में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, कोई भी पुरस्कार विजेता चाहे तो कारण बताकर अपना पुरस्कार लौटा सकता है, लेकिन पद्म पुरस्कार की स्थिति में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है। पद्म पुरस्कार को लेकर नियम है कि जब तक कोई ठोस कारण नहीं होता है, तब तक पुरस्कार रद्द नहीं किया जा सकता है। यदि राष्ट्रपति द्वारा फैसला किया जाता है कि विजेता का नाम वापस ले लिया जाए, तभी ऐसा होता है।हालांकि, पुरस्कार के नियम में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि यदि राष्ट्रपति किसी का पुरस्कार रद्द करते हैं, तो उनके निर्देश को कैसे रद्द किया जा सकता है।

नामांकित शख्स से पूछी जाती है इच्छा
2018 के तत्कालीन गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में कहा था कि किसी भी शख्स को देश की जांच एजेंसियों द्वारा परखने और उनके चरित्र का सत्यापन के बाद भी राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए नामांकित किया जाता है। इसके बाद प्रथा के मुताबिक, पुरस्कार के लिए नामांकित लोगों के नाम जारी करने से पहले उनसे पूछा जाता है कि वो इस पुरस्कार को लेना चाहते हैं या नहीं। हालांकि, यह अनौपचारिक तौर पर किया जाता है, लेकिन अगर प्राप्तकर्ता मना कर दे कि उन्हें पुरस्कार नहीं चाहिए, तो उनका नाम दर्ज नहीं किया जाता है।

गजट से नहीं हटता नाम
जब एक बार किसी व्यक्ति को पद्म विभूषण, पद्म भूषण या फिर पद्मश्री से सम्मानित कर दिया जाता है, तो उनका नाम भारत के गजट में प्रकाशित कर दिया जाता है। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के लिए एक रजिस्टर बनाकर रख दिया जाता है। उसके बाद यदि प्राप्तकर्ता अपना पुरस्कार वापस करने की पेशकश भी करता है, तो उसका नाम और पुरस्कार रजिस्टर से नहीं हटाया जाता है।

पहले भी पद्म पुरस्कार लौटाने की हुई पेशकश
बजरंग पुनिया से पहले भी कई लोगों ने अपने राष्ट्रीय पुरस्कार वापस करने की घोषणा की है। इसमें सबसे हालिया में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री का नाम शामिल है। दरअसल, प्रकाश सिंह बादल और पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएस ढिंडसा ने भी अपने राष्ट्रीय पुरस्कार वापस करने की घोषणा की थी। इन दोनों ने हाल ही में तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन के समर्थन में अपने पुरस्कारों की वापसी की पेशकश की थी। हालांकि, इन दोनों ही दिग्गजों का नाम पद्म पुरस्कार विजेताओं की लिस्ट में शामिल है और रजिस्टर में उन्हीं सुनहरे अक्षरों में लिखा हुआ है।

WFI चीफ की नियुक्ति के बाद बढ़ा बवाल
दरअसल, बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह को भारतीय कुश्ती संघ (WEI) का प्रमुख नियुक्त किया गया है, जिसके विरोध में पहलवान बजरंग पुनिया ने अपने पुरस्कार की वापसी की घोषणा की है। इतना ही नहीं, उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास की ओर बढ़ने लगे, लेकिन इस बीच पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद विरोध जताने के लिए उन्होंने आवास के पास फुटपाथ पर ही अपना पुरस्कार रख दिया और वहां से चले गए।

Sanjeevni Today
Author: Sanjeevni Today

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