Explore

Search

December 27, 2024 7:33 pm

लेटेस्ट न्यूज़

Delhi Politics: समझिए पूरा गणित; क्या लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे बदलेंगे दिल्ली की राजनीति….

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के एकजुट होने के बावजूद जिस तरह से BJP ने दिल्ली में जीत हासिल की है, उसका असर आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति पर नजर आ सकता है। ऐसे में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी को भी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि इससे पहले 2019 में भी BJP ने सातों सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त वापसी की थी। फिलहाल BJP इस बार जिस तरह से AAP को घेरने की कोशिश में जुटी है, ऐसे में AAP के लिए आने वाले कुछ महीने चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।

कांग्रेस नहीं खोल पाई खाता

लोकसभा चुनाव में गठबंधन के बावजूद हार मिलने के बाद ये लगभग तय है कि गठबंधन की बदौलत भले ही जीत-हार का अंतर कम हो गया हो लेकिन कांग्रेस और AAP खाता खोलने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव में इस तरह का प्रयोग दोहराना दोनों के लिए शायद उतना आसान न हो। वैसे बीते दस वर्षों में दिल्ली में पार्टियों के बीच वोटिंग में बदलाव देखा गया है। पहले कांग्रेस और BJP की सीधी टक्कर में हमेशा BJP को पराजय का सामना करना पड़ता रहा है। हालांकि जब भी मुकाबला त्रिकोणीय होता है तो BJP को उसका फायदा मिलता है।

Read More :- KKK 14: रिपोर्ट का दावा रोहित शेट्टी से झगड़े में ऐसा बोले आसिम रियाज; हर 3 महीने में नई कार खरीदता हूं…

1993 में विधानसभा चुनाव के वक्त दिल्ली में जनता दल असरदार था और उसने विधानसभा चुनाव में लगभग 13 फीसदी वोट हासिल किए थे। हालांकि उसे चार ही सीटों पर जीत मिली लेकिन जनता दल ने कई सीटों पर कांग्रेस के वोट काटे, जिसकी वजह से कांग्रेस 14 सीटों पर सिमट गई और बीजेपी ने 49 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल कर ली। लेकिन उसके बाद दिल्ली में जनता दल इतना कमजोर हुआ कि उसका वजूद ही खत्म हो गया। जिसका नतीजा ये हुआ कि 1998 से लगातार कांग्रेस ही जीत हासिल करती रही।

उसके बाद जब आम आदमी पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़ा तो मुकाबला त्रिकोणीय हुआ और BJP सबसे बड़ी पार्टी बन गई। 2015 से कांग्रेस का पूरा आधार ही खिसककर AAP से जुड़ गया जिसकी वजह से लगातार दो बार AAP ने अपने बूते ही प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई। ऐसे में लोकसभा चुनाव के छह-सात महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प हो सकते हैं। ऐसा इसलिए कि सातों सीटों पर जीत के बाद BJP बेहद आक्रामक तरीके से चुनाव लड़ने की कोशिश करेगी और चाहेगी कि वोटर लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही वोट करें। लेकिन ये इसलिए आसान नहीं होगा क्योंकि दिल्ली में लोकसभा और विधानसभा में वोटर अलग-अलग नजरिए से वोट करते हैं।

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर