दिल्ली-एनसीआर समेत लगभग पूरे उत्तर भारत में इस वक्त में भीषण गर्मी का सितम देखने को मिल रहा है. ऊपर से लू के गर्म थपेड़ों ने भी लोगों की मुसीबत और बढ़ा दी है. बुधवार को तो दिल्ली में न्यूनतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 60 वर्षों में सबसे अधिक था. बुधवार का न्यूनतम तापमान 1964 से केवल 0.3 डिग्री कम था. इससे पहले 10 जून 1964 को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. आईएमडी के अनुसार, साल 2000 के बाद दिल्ली का न्यूनतम तापमान 3 जून 2010 को 34.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था, जो बुधवार को दर्ज किए गए तापमान से कम था.
18 जून को शहर में 33.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था, जो छह वर्षों में सबसे अधिक था. बूंदाबांदी और गरज के साथ राहत के पूर्वानुमान के बावजूद, बुधवार को भी शहर लगातार 11वें दिन लू की चपेट में रहा और लगातार छठे दिन रात गर्म रही. दिल्ली में बुधवार को धूलभरी हवाएं भी चलीं, जिनकी अधिकतम गति 46 किमी प्रति घंटा थी, जिससे शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया. सफदरजंग में बुधवार को अधिकतम तापमान 43.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से पांच डिग्री अधिक था. जबकि मंगलवार का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस था.
हीट इंडेक्स भी लगा चुका है हाफ सेंचुरी
गुरुवार और शुक्रवार को अधिकतम तापमान में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद जताई जा रही है. दिल्ली में बुधवार को 37वें दिन लगातार पारा 40 से अधिक पर पहुंचा. इस सीजन में सात बार अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया, जिनमें से दो दिन जून के और पांच दिन मई के शामिल रहे. जिसमें सीजन का सबसे अधिक और शहर का दूसरा सबसे अधिक तापमान 30 मई को 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. हीट इंडेक्स यानी महसूस होने वाला तापमान भी 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. जिसके अभी और बढ़ने की उम्मीद है.
इस सीजन में सात बार अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया. वहीं हीट इंडेक्स यानी महसूस होने वाला तापमान भी 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. जिसके अभी और बढ़ने की उम्मीद है.
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दिल्ली में कब होगी बारिश
पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी की मार झेल रहे दिल्ली वालों के लिए राहत की खबर ये है कि अब मौसम में हल्के बदलाव के संकेत दिख रहे हैं, नतीजतन आसमान में बादल छाना शुरू हो गए हैं. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 20 जून को दिल्ली में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है. दिल्ली-एनसीआर का मौसम पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बदला है. हालांकि इसके बाद से फिर से गर्मी का कहर देखने को मिल सकता है.
कब घोषित की जाती है भीषण गर्मी की स्थिति
हीटवेव की स्थिति तब दर्ज की जाती है जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होता है. वहीं गंभीर हीटवेव के लिए अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना चाहिए. गर्म रात की स्थिति तब घोषित की जाती है जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है.