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March 22, 2025 8:12 am

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टैक्सपेयर: इनकम टैक्स अपील पर फैसला आपके पक्ष में तो रिफंड का पैसा आने में अब नहीं होगी देर

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इनकम टैक्स के विवादित मामलों में फैसला टैक्सपेयर के पक्ष में आने के बावजूद रिफंड मिलने में काफी समय लग जाता है। यह समस्या खत्म होने जा रही है। दरअसल, टैक्सपेयर को आदेश के पालन के लिए फिर से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास अप्लाई करना होता है। चूंकि यह प्रक्रिया ऑफलाइन होती है, जिससे रिफंड मिलने में काफी देर होती है। इसका मतलब है कि रिफंड का पैसा लंबे समय तक फंसा रहता है। अब यह समस्या खत्म होने जा रही है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2025 में कहा, “मैंने जुलाई 2024 के अपने भाषण (बजट) में वादा किया था कि सभी प्रोसेसेज अगले दो साल के अंदर डिजिटलाइज और पेपरलेस कर दिए जाएंगे। इसमें अपील से संबंधित ऑर्डर भी शामिल होंगे। मैं यह ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि अब प्रोसेस को डिजिटलाइज किया जा रहा है।” वित्तमंत्री के इस आदेश के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने ई-फाइलिंग पोर्टल पर नया फीचर शुरू किया है।

ई-फाइलिंग पोर्टल पर यह फीचर ‘Request for Order Giving Effect’ नाम से उपलब्ध है। इस फीचर के इस्तेमाल से अब अपील पर आया आदेश जल्द लागू हो जाएगा। अपील के पालन में पहले की तरह ज्यादा समय नहीं लगेगा। इस फीचर के फायदे को समझने के लिए मौजूदा व्यवस्था को समझ लेना जरूरी है।

अगर कोई टैक्सपेयर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के आदेश से असंतुष्ट है तो कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (अपील्स), इनकम टैक्स अपीलीय ट्राइब्यूनल (ITAT), हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में उसके खिलाफ अपील करता है। इसके लिए उसे विवाद से जुड़ा अमाउंट अपील के साथ डिपॉजिट करना पड़ता है। अगर अपील पर सुनवाई के बाद फैसला टैक्सपेयर के पक्ष में आता है तो उसे फैसले के पालन के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में फिर से अप्लाई करना पड़ता है। इसके बाद ही फैसला लागू होता है और उसकी तरफ से डिपॉजिट किया गया अमाउंट उसे वापस मिलता है। इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है।

इसका टैक्सपेयर्स के लिए क्या मतलब है?

1. अपील का जल्द निपटारा: नए फीचर से अपील पर आदेश के पालन में लगने वाला समय काफी घट जाएगा। इससे टैक्सपेयर्स को रिफंड या जरूरी एडजस्टमेंट के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

2. टैक्स ऑफिस का बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा: चार्टर्ड अकाउंटेंट, टैक्स एडवोकेट्स और टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स ऑफिस का बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

3.आसान और पारदर्शी प्रक्रिया: डिजिटलाइजेशन से टैक्सपेयर्स अपना रिक्वेस्ट अब ऑनलाइन सब्मिट कर सकेंगे। इससे पूरी प्रक्रिया आसान और पारदर्शी होगी।

यह इंडिया के टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन को आधुनिक बनाने की दिशा में स्वागतयोग्य कदम है। इससे टैक्सपेयर्स को काफी सुविधा होगी। साथ ही सिस्टम में उसका भरोसा बढ़ेगा।

इस नए फीचर का इस्तेमाल कैसे करें?

अपील पर आए आदेश का पालन कराने के लिए आपको निम्निलिखित स्टेप्स अपनाने होंगे:

1. इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगइन करना होगा। इसके लिए आपको https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/ पर जाना होगा। अपने आईडी और पासवर्ड के जरिए लॉग-इन करना होगा।

2. पेंडिंग एक्शन पर जाना होगा: आपको ‘

Go to Pending Actions’ पर क्लिक करना होगा। फिर ‘E-Proceedings’ को सेलेक्ट करना होगा। उसके बाद आपको ‘Request for Order Giving Effect’का विकल्प मिलेगा।

3.नया रिक्वेस्ट सब्मिट करना होगा: आपको ‘न्यू रिक्वेस्ट’ पर क्लिक करना होगा। संबंधित एसेसमेंट का डिटेल डालना होगा। उसके बाद रिक्वेस्ट को प्रोसेसिंग के लिए सब्मिट करना होगा।

रिक्वेस्ट सब्मिट हो जाने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसे प्रोसेस करेगा। इससे अपील पर आए आदेश को लागू करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

आगे का रास्ता

इस पहले के साथ सरकार ने अफसरशाही की वजह से होने वाली देर को खत्म करने और टैक्स कंप्लायंस प्रोसेस को जल्द लागू करने की दिशा में अहम कदम बढ़ाया है। टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन में डिजिटलाइजेशन से न सिर्फ आसानी होगी बल्कि इससे ज्यादा पारदर्शी, जिम्मेदार और टैक्सपेयर-फ्रेंडली सिस्टम बनाने में सरकार के विजन का भी पता चलता है।

प्रोफेनल्स और टैक्सपेयर्स के लिए इसका मतलब है कम पेपरवर्क, जल्द कंप्लायंस और तुरंत रिफंड। यह इंडियन टैक्स सिस्टम में बड़ा रिफॉर्म है। इसलिए अगर किसी अपील पर फैसला आपके पक्ष में आया है तो आप इस फीचर का इस्तेमाल कर पूरी प्रक्रिया को जल्द खत्म करा सकते हैं।

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