प्रियांक ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “यह रजाकारों ने किया था, पूरे मुस्लिम समुदाय ने नहीं. हर समुदाय में बुरे लोग और गलत काम करने वाले लोग होते हैं. मेरे पिता इस त्रासदी से बाल-बाल बच गए और 9 बार विधायक, 2 बार लोकसभा और राज्यसभा सांसद, एक बार केंद्रीय मंत्री, लोकसभा के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष बने.”
क्या है पूरा मामला?
मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म तत्कालीन हैदराबाद राज्य के बीदर इलाके में हुआ था, जिस पर निजामों की हुकूमत थी. हैदराबाद के भारत में विलय से पहले राजनीतिक अशांति के दौरान, सीनियर कांग्रेस नेता के गांव को निजाम समर्थक मिलिशिया रजाकरों ने जला दिया था. इस त्रासदी में मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी मां, बहन और परिवार के अन्य सदस्यों को खो दिया था.
इस मामले का जिक्र, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के अचलपुर में एक रैली के दौरान किया. उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे के उस बयान का जवाब दिया, जिसमें कांग्रेस चीफ ने योगी के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे की आलोचना की थी.
CM योगी ने क्या कहा था?
महाराष्ट्र में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, “खड़गे जी, मुझ पर गुस्सा मत होइए, अगर आपको गुस्सा करना है तो हैदराबाद निजाम पर गुस्सा करो. हैदराबाद निजाम के रजाकारों ने आपका गांव जला दिया, हिंदुओं को बेरहमी से मार डाला और आपकी सम्मानित मां, बहन, आपके परिवार के सदस्यों को जला दिया. देश के सामने यह सच्चाई पेश करें कि जब भी इनका बंटवारा होगा, तो इसी क्रूर तरीके से इनका बंटवारा होगा.”
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस प्रमुख सच्चाई को स्वीकार करने में ‘हिचक’ रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे मुस्लिम वोटर्स के प्रति उनकी अपील को नुकसान पहुंच सकता है.
‘PM मोदी की उपलब्धियों पर…’
प्रियांक खड़गे ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि त्रासदी के बावजूद, उनके पिता ने कभी विक्टिम कार्ड नहीं खेला और कभी भी नफरत को परिभाषित नहीं होने दिया. प्रियांक ने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ, मल्लिकार्जुन खड़गे के सिद्धांतों या विचारधारा को ‘ध्वस्त’ नहीं कर सकते.
योगी आदित्यनाथ के विवादित बयान पर निशाना साधते हुए, प्रियांक ने कहा, “आपकी विचारधारा मल्लिकार्जुन खड़गे को समान रूप से देखने में फेल रहती है, यह अवाम के बीच भेदभाव करती है. क्या यह आप सभी को बुरा बनाता है या जो लोग इसका अभ्यास कर रहे हैं उन्हें? किसने उन्हें ‘अछूत’ या दलित करार दिया?”
कर्नाटक के मंत्री ने यह भी कहा कि उनके पिता 82 साल की उम्र में भी ‘अत्याचार और नफरत’ के खिलाफ संविधान को बनाए रखने के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने सीएम योगी से मुखातिब होते हुए कहा, “सियासी फायदे के लिए समाज में नफरत के बीज बोने की कोशिश करने के बजाय पीएम नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों के आधार पर चुनाव जीतने की कोशिश करें.”