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August 25, 2025 7:09 am

कुछ नहीं कर पाएगा चीन, शांत रहेगा अमेरिका! भारत लगाएगा पाकिस्तान की ‘लंका’

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पहलगाम के आतंकी घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध काफी खराब हो गए हैं. दोनों के देशों के बीच युद्ध के आसार पैदा हो गए हैं. जहां भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने भारत की फ्लाइट्स के लिए एयर स्पेस देने से इनकार कर दिया है. दोनों देशों ने सीमा पर अपनी फोर्स को बढ़ा दिया है. सीमा पार से जो आवजें आ रही हैं. उससे लग रहा है कि जैसे कि पाकिस्तान को चीन का पूरा सपोर्ट है. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूट्रल कार्ड खेलते हुए कहा है कि अमेरिका के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों करीबी हैं. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध हो ही जाता है तो अमेरिका और चीन का स्टैंड क्या होगा?

ये सवाल ऐसे समय पर और भी अहम हो जाता है, जब अमेरिकी टैरिफ का खौफ पूरी दुनिया में खासकर चीन पर मंडरा हुआ है. वहीं दूसरी ओर चीन और अमेरिका दोनों को भारत के मार्केट की जरुरत है. भारत का दोनों देशों के साथ बाइलेटरल ट्रेड 100 अरब डॉलर से ज्यादा है. जहां चीन से भारत का ट्रेड डेफिसिट में है. वहीं अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस में है. ऐसे में दोनों ही देशों को भारत की जरुरत है. ऐसे में भारत-पाक युद्ध के दौरान चीन और अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को खराब करने की भूल नहीं करेंगे. वो भी तब जब दोनों ही देश अपने कारोबार को भारत में बढ़ाना चाहते हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत का अमेरिका और चीन के साथ किस तरह का ट्रेड देखने को मिलता है.

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ड्रैगन नहीं लेगा रिस्क

भारत और पाकिस्तान के बीच के पंगे में ड्रैगन कभी खुलकर सामने नहीं आएगा. साथ ही पाकिस्तान को उस तरह से सपोर्ट भी नहीं करेगा, जिससे भारत को नुकसान हो. उसका प्रमुख कारण भी है और वो ये कि भारत और चीन के बीच बाइलेटरल ट्रेड 100 अरब डॉलर से ज्यादा है. आंकड़ों को देखें तो वित्त वर्ष 2025 में दोनों देशों के बीच दोतरफा कारोबार 127.7 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा. जबकि वित्त वर्ष 2024 में ये कारोबार 118.4 बिलियन अमरीकी डॉलर था.पिछले वित्त वर्ष में, चीन को भारत का निर्यात 14.5 फीसदी घटकर 14.25 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गया, जबकि 2023-24 में यह 16.66 बिलियन अमरीकी डॉलर था. हालांकि, इंपोर्ट 2024-25 में 11.52 फीसदी बढ़कर 113.45 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 में यह 101.73 बिलियन अमरीकी डॉलर था. पिछले वित्त वर्ष में चीन के साथ व्यापार घाटा लगभग 17 प्रतिशत बढ़कर 99.2 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है, जो 2023-24 में 85.07 बिलियन अमरीकी डॉलर था. मौजूदा समय में चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है.

चीन को करना है भारत में विस्तार

वहीं दूसरी ओर गलवान मुठभेड़ के बाद भले ही दोनों देशों के बीच के ट्रेड में इजाफा देखने को मिला हो, लेकिन चीनी निवेश में बड़ी गिरावट या यूं कहें कि ना के बराबर हो गई थी. जब से अमेरिकी टैरिफ लागू हुआ है, तब से चीन की हालत काफी खराब हो गई है. अमेरिकी ने चीन पर मोटा टैरिफ लगा दिया है. ऐसे में चीन की नजर एक बार फिर से भारत के बाजार पर है. चीन अब भारत में निवेश करने के लिए भारत की हर शर्त मानने को तैयार है. भारत का साफ कहना है कि चीन की कंपनियां भारत में कोई भी ज्वाइंट वेंचर करेगी, उसमें चीनी फर्म का स्टेक माइनोरिटी होगा. जिसे चीनी कंपनियों ने मान लिया है. साथ ही भारत ने और भी कई शर्तें लागू की हैं. ऐसे में भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही कूटनितिक लड़ाई में चीन बीच में नहीं आएगा.

भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड

वहीं दूसरी ओर भारत और अमेरिका के बीच भी कोई छोटा ट्रेड नहीं है. वित्त वर्ष 2025 में भारत और अमेरिका के बीच बाइलेटरल ट्रेड 131.84 अरब डॉलर का है. इसका मतलब है कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. ये लगातार चौथा साल है जब भारत का अमेरिका सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनरी रहा. पिछले वित्त वर्ष में, अमेरिका को भारत का निर्यात 11.6 प्रतिशत बढ़कर 86.51 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 में यह 77.52 बिलियन अमरीकी डॉलर था. 2024-25 में इंपोर्ट 7.44 प्रतिशत बढ़कर 45.33 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 में यह 42.2 बिलियन अमरीकी डॉलर था. पिछले वित्त वर्ष में अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस 2023-24 में 35.32 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 41.18 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है. टैरिफ के बाद दोनों देशों के बीच बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत चल रही है. भारत दुनिया का पहला ऐसा देश हो सकता है जो टैरिफ के बाद अमेरिका के डील करेगा. दोनों देश अपने ट्रेड को 500 अरब डॉलर तक लेकर जाना चाहते हैं. ऐसे में भारत के खिलाफ जाकर पाकिस्तान को सपोर्ट करने की बेवकूफी अमेरिका नहीं करेगा.

पाकिस्तान का चीन और अमेरिका के साथ ट्रेड

अगर बात पाकिस्तान और चीन के बीच के ट्रेड की बात करें तो भारत के मुकाबले में काफी कम है. 2024 में, चीन और पाकिस्तान के बीच बाइलेटरल ट्रेड 23.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसमें चीन का पाकिस्तान को एक्सपोर्ट 20.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर और पाकिस्तान से इंपोर्ट 2.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. चीन का पाकिस्तान को एक्सपोर्ट विशेष रूप से मजबूत है, जो साल-दर-साल 17 फीसदी बढ़ रहा है. चीन-पाकिस्तान मुक्त व्यापार समझौते (CPFTA) और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) ने इस व्यापार वृद्धि को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वहीं दूसरी ओर 2024 में, अमेरिका के साथ पाकिस्तान का कुल 7.3 बिलियन डॉलर का बाइलेटरल ट्रेड था, जिसमें अमेरिका ने पाकिस्तान से 5.1 बिलियन डॉलर का सामान इंपोर्ट किया और 2.1 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया. 2024 में अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ 3 बिलियन डॉलर का ट्रेड डेफिसिट था.

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