Explore

Search

April 2, 2025 8:04 am

लेटेस्ट न्यूज़

चीन ने बनाई नई थेरेपी……’सिर्फ 11 हजार में होगा कैंसर का इलाज……

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जिसका इलाज अभी भी महंगा और लंबा होता है. मगर अब कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का इलाज महज 11 हजार रुपये में हो सकता है. चीनी वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है.

जिसे ‘ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी’ कहा जाता है. यह तकनीक न केवल कैंसर के खतरनाक ट्यूमर को खत्म करने की क्षमता रखती है, बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी सक्रिय कर सकती है.

गुलाब के फूल का ऐसे करें उपयोग……’गर्मियों में स्किन रहेगी ग्लोइंग और फ्रेश……

क्या है ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी?

ऑन्कोलाइटिक वायरस को एक छिपे हुए हत्यारे के रूप में देखा जा सकता है. वैज्ञानिकों ने इन वायरस को इस तरह से विकसित किया है कि वे सीधे कैंसर कोशिकाओं में प्रवेश करें, वहां अपनी संख्या बढ़ाएं और अंततः कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर दें. इतना ही नहीं, ये वायरस ऐसे प्रोटीन भी छोड़ सकते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को बाकी बची हुई कैंसर कोशिकाओं को खत्म करते हैं.

कुछ ही देशों के पास है ये तकनीक

यह तकनीक कोई नई नहीं है. ऑन्कोलाइटिक वायरस पर शोध करीब 100 साल पहले शुरू हुआ था, लेकिन हाल के वर्षों में जेनेटिक इंजीनियरिंग की वजह से इसकी क्षमता में जबरदस्त सुधार हुआ है. अब तक, अमेरिका और जापान समेत दुनिया के कुछ देशों में इस तकनीक को अपनाया गया है, लेकिन चीन इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. वहां करीब 60 क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं, जिनसे उम्मीद की जा रही है कि यह इलाज आम लोगों के लिए सुलभ और किफायती हो सकेगा.

चमत्कारी नतीजे दिखा रही यह थेरेपी

इस साल जनवरी में प्रकाशित एक शोध में 58 वर्षीय महिला की कहानी सामने आई, जिसे सर्वाइकल कैंसर था और सभी पारंपरिक इलाज बेअसर हो चुके थे. उसे ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी दी गई और नतीजा यह हुआ कि उसके मेटास्टैटिक ट्यूमर पूरी तरह से गायब हो गए. हैरानी की बात यह है कि इस थेरेपी के बाद महिला 36 महीने तक जिंदा रही.

यह शोध दक्षिण चीन के ग्वांग्शी मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झाओ योंगशियांग के नेतृत्व में किया गया था. वैज्ञानिकों ने एक ऐसे वायरस का इस्तेमाल किया जिसने कैंसर कोशिकाओं को सुअर के ऊतक जैसा बना दिया, जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ने उन्हें बाहरी तत्व मानकर नष्ट कर दिया. इस छोटी ट्रायल में यह भी देखा गया कि 90% मरीजों (जिन्हें लिवर, ओवेरियन और लंग कैंसर था) में ट्यूमर का आकार घट गया या स्थिर हो गया.

महज 11 हजार रुपए में इलाज

ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी की सबसे बड़ी खासियत इसकी कम लागत है. कैंसर के इलाज में अब तक इस्तेमाल की जाने वाली CAR-T थेरेपी की कीमत चीन में करीब 1.16 करोड़ रुपये (140,000 अमेरिकी डॉलर) प्रति डोज होती है,

इसके मुकाबले, ऑन्कोलाइटिक वायरस थेरेपी का एक इंजेक्शन महज 11 हजार रुपये (140 अमेरिकी डॉलर) में उपलब्ध हो सकता है, सालभर की इस थेरेपी की कुल लागत 3.3 लाख रुपये (4,200 अमेरिकी डॉलर) तक हो सकती है, जो मौजूदा कैंसर उपचार की तुलना में काफी किफायती है.

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर