राजस्थान के अलवर शहर से नटनी का बारा (एनएच-248 ए) अब आप 20 मिनट में पहुंच जाएंगे। जयपुर की दूरी भी कम हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इंटरमीडिएट लेन को मंजूरी दे दी है। यह 14 किमी मार्ग बनेगा। कुछ गांवों की जमीन भी अधिग्रहित होगी। इसके बदले में किसानों को मुआवजा मिलेगा। सड़क का काम 20 नवंबर के बाद शुरू होने की संभावना है। अलवर से नटनी का बारा 14 किमी लंबा मार्ग है। यह साढ़े पांच मीटर चौड़ा है। इस समय जर्जर हालत में है। जयपुर के लिए भी यही मार्ग है।
राजस्थान की पत्रिका की खबर के अनुसार नटनी का बारा तक लोगों को पहुंचने के लिए 40 से 45 मिनट लग जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पीडब्ल्यूडी की एनएच विंग ने इसके चौड़ीकरण का प्रस्ताव तैयार किया और केंद्र सरकार को भेज दिया।
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वहां से मंजूरी मिल गई है। यह मार्ग साढ़े पांच मीटर से चौड़ा होकर 10 मीटर का हो जाएगा। वाहनों की रफ्तार तेज हो जाएगी। सड़क निर्माण पर 88 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बाकी रकम जमीन लेने व मुआवजा आदि के रूप में खर्च होगी।
इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा थानागाजी से मुंडावर मोड का चौड़ीकरण भी है। यह साढ़े 11 किमी लंबा है। इसके चौड़ीकरण से भी जयपुर मार्ग की दूरी कम होगी। इसका निर्माण भी 20 नवंबर तक शुरू होने की संभावना है। पीडब्ल्यूडी एनएच विंग के एक इंजीनियर का कहना है कि संबंधित कंपनी आ गई है। जल्द काम शुरू होने जा रहा है। सरिस्का में एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन है। जैसे ही यह बनेगा तो अलवर से नटरी का बारा मार्ग उसमें जुड़ जाएंगे। वाहन सीधे रफ्तार भरकर एलिवेटेड मार्ग पर चलेंगे। एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास गया हुआ है। अभी मंजूरी नहीं मिली है।