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April 24, 2025 6:29 pm

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लेकिन बनेगा जंग का नया मैदान, अमेरिका और चीन होंगे आमने-सामने! बोगनविले दुनिया के नक्शे पर नया देश……

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दुनिया के नक्शे पर जल्द ही एक नए देश का नाम जुड़ने जा रहा है. ये देश होगा सोलोमन आइलैंड में मौजूद बोगनविले. और इसके पीछे होंगे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. अगर ट्रंप मान गए तो यह छोटा सा खूबसूरत क्षेत्र साल 2027 तक आजाद हो सकता है. हालांकि इस नए देश के जन्म के साथ ही दुनिया में जंग का एक और मोर्चा खुल सकता है.

सोलोमन आइसलैंड्स के पास मौजूद ये खूबसूरत द्वीप भविष्य में जंग का नया मैदान बन सकता है. एक ऐसा रणक्षेत्र जहां चीन और अमेरिका आमने-सामने होंगे. बोगनविले द्वीप के राष्ट्रपति इश्माएल तोरोमा के एक बयान ने इसकी आशंकाएं बेहद ज्यादा बढ़ गई है.

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बोगनविले के राष्ट्रपति ने की पेशकश

बोगनविले द्वीप के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति ट्रंप को एक सौदे की पेशकश की है. इस सौदे के मुताबिक अमेरिका उसे पापुओ न्यू गिनी से आजाद करवाए बदले में द्वीप के खनिजों पर अमेरिका का अधिकार दिया जाएगा.

अब अगर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बोगनविले की ओर से की गई पेशकश को स्वीकार करते हैं तो जहां वो दुनिया के नक्शे पर एक नया देश बनकर उभरेगा तो वहीं इस क्षेत्र में चीन और अमेरिका के बीच विवाद बढ़ सकता है और दोनों ताकतवर देश आमने सामने आ सकते हैं.

क्या है बोगनविले का इतिहास और महत्व

लेकिन सवाल है कि भला चीन को इससे परेशानी क्यों होगी तो इसकी वजह जानने के लिए आपको बोगनविले के इतिहास और भौगोलिक स्थिति के बारे में जानना जरूरी है. साल 1975 में बोगनविले ने खुद को उत्तरी सोलोमन रिपब्लिक के रूप में स्वतंत घोषित किया था. फिर 1976 में बोगनविले पर पापुआ न्यू गिनी ने फिर से कब्जा जमा लिया. इसके बाद 1988 में यहां पर जबरदस्त गृह युद्ध छिड़ गया.

करीब एक दशक तक चले गृह युद्ध के बाद 1997 में मध्यस्थता के बाद यह संघर्ष खत्म हुआ. साल 2001 में शांति समझौता हुआ, जिसमें आजादी के लिए जनमत संग्रह की बात कही गई थी. फिर 2019 में बोगनविले ने जनमत संग्रह में आजादी के पक्ष में वोट किया, लेकिन अभी तक पापुआ न्यू गिनी की संसद ने बोगनविले की आजादी पर मुहर नहीं लगाई है. बोगनविले के लोग अभी भी आजादी के इंतजार में हैं.

चीन और अमेरिका में बीच क्यों बढ़ेगा तनाव?

आजादी का इंतजार कर रहे इस द्वीप के राष्ट्रपति ने अब ट्रंप के सामने सौदे की पेशकश की है. माना जा रहा है कि ट्रंप इसमें दिलचस्पी दिखा सकते हैं. दरअसल यहां पर तांबे, सोने, चांदी, निकल और कोबाल्ट की कई बड़ी खदानें मौजूद हैं जिसमें डोनाल्ड ट्रंप की बेहद दिलचस्पी मानी जा रही है.

सिर्फ इतना ही नहीं इस द्वीप की भौगोलिक स्थिति भी ऐसी है. जिससे अमेरिका को चीन पर कंट्रोल करने में खासी मदद मिलेगी. बोगनविले प्रशांत महासागर में सोलोमन आइलैंड्स के बीच मौजूद है. यहां कई इलाकों में चीन अपना सैन्य विस्तार करने में जुटा हुआ है. ये चीन के महत्वाकांक्षी BRI प्रोजेक्ट के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. वहीं अमेरिका बोगनविले में सैन्य अड्डा बना सकता है ताकि चीन की गतिविधियों पर कंट्रोल कर सके.

यही वजह है कि अगर बोगनविले की मदद के लिए डोनाल्ड ट्रंप आगे आए तो इस इलाके में चीन और अमेरिका के बीच विवाद खड़ा हो सकता है जो भविष्य में युद्ध के खतरों को और बढ़ाएगा.

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