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July 3, 2024 3:18 am

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ब्रैकीथेरेपी: कैंसर के उपचार में एक अच्छा और प्रभावी विकल्प है…

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ब्रैकीथेरेपी कैंसर के सबसे प्रभावी उपचारों में से एक है, क्योंकि यह सिर्फ कैंसर से प्रभावित सीमित क्षेत्र को टारगेट करता है साथ ही इसकी सफलता दर भी अधिक है। ज्यादातर मामलों में, जिन व्यक्तियों को प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पता चलता है, उनके लिए ब्रैकीथेरेपी एक अच्छा विकल्प है। इस उपचार से वे आसानी से ठीक हो सकते हैं। आइए इस लेख के माध्यम से नारायणा हॉस्पिटल जयपुर की डॉ. निधि पाटनी – डायरेक्टर, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी से समझते हैं कि ब्रैकीथेरेपी क्या है और इसके फायदे क्या-क्या हैं।
ब्रैकीथेरेपी क्या है?
ब्रैकीथेरेपी जिसे इंटरनल रेडिएशन थेरेपी भी कहा जाता है, एक तरह की रेडिएशन थेरेपी है। इसमें कैंसर मरीज के कैंसर ग्रस्त हिस्से के अंदर एक उपकरण (कैथेटर) लगाया जाता है। ये उपकरण शरीर में रेडियोएक्टिव पदार्थों को कैंसर कोशिकाओं तक पहुँचाता है और उन्हें प्रभावी तरह से नष्ट कर देता है। उपचार के इस तरीके में, कैंसर कोशिकाओं को मारने या उन्हें बढ़ने से रोकने के लिए शरीर के प्रभावित भागों में रेडिएशन की डोज़ सटीक तरीके से दी जाती है। शरीर में कैंसर के प्रकार और उसकी स्टेज एवं स्थिति के आधार पर, ब्रैकीथेरेपी अस्थायी या फिर स्थायी हो सकती है। ब्रैकीथेरेपी का उपयोग ज्यादातर सिर, गर्भाशय ग्रीवी (सरविक्स), गर्भाशय के कैंसर, गर्दन, स्तन, प्रोस्टेट और हाथ-पैर के सार्कोमा के उपचार में किया जाता है। ब्रैकीथेरेपी में हाई डोज़ रेट (एचडीआर) रेडिएशन होती है। इसमें रेडिएशन सिर्फ कुछ मिनटों के लिए ही दिया जाता है।
 
ब्रैकीथेरेपी के फायदे 
टारगेट उपचार: ट्यूमर या कैंसर प्रभावित क्षेत्र तक सीधे रेडिएशन को पहुंचाकर, स्वस्थ अंगों और टिश्यूज़ को होने वाले नुकसान को कम करती है और इसमें दुष्प्रभाव कम होता है |
प्रभावी डोज़ पहुंचाना: रेडिएशन स्रोत का प्रभावित क्षेत्र के पास होने के कारण ट्यूमर को अधिक डोज़ पहुंचाती है जिससे उपचार की सफलता दर में सुधार होता है और दोबारा कैंसर होने की संभावना भी कम रहती है।
जल्दी रिकवरी : सर्जरी की तुलना में मरीज तेजी से स्वस्थ हो जाता है और उसे अस्पताल में अधिक रहने की आवश्यकता नहीं होती है।
न्यूनतम दुष्प्रभाव : इसमें प्रभावित क्षेत्र के अलावा आसपास के टिश्यूज़ में रेडिएशन का संपर्क कम होता है जिससे उन्हें नुकसान नहीं होता है।
ब्रेकीथेरेपी के उपयोग
गर्भाशय व गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर में ब्रेकीथेरेपी की अहम भूमिका है। इसके बिना उपरोक्त कैंसर का उपचार अधूरा है। इसके उपयोग से इन दोनों कैंसर के समूल नष्ट होने की संभावनाएं दुगनी हो जाती है। इसी प्रकार मांसपेशियों के कैंसर में  ब्रेकीथेरेपी करने से कैंसर ग्रसित हिस्से का सुचारू तरीके से उपचार किया जाता है। इसके दुष्प्रभाव न्यूनतम होते हैं। यदि दुर्भाग्यवश कैंसर दोबारा होता है तब लीनियर एक्सीलेटर द्वारा रेडिएशन थेरेपी देना कई बार संभव नहीं हो पता है, ऐसे में ब्रैकीथेरेपी के उपयोग से काफी हद तक मरीज को आराम दिलाया जा सकता है। लीनियर एक्सीलेटर से  रेडिएशन थेरेपी की तुलना में ब्रेकीथेरेपी द्वारा उपचार कम समय में पूरा हो जाता है। परंतु इसमें विशेष रूप से ट्रेनिंग प्राप्त व अनुभवी रेडिएशन थेरेपी के चिकित्सक की आवश्यकता होती है।
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