Jauhar University: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान पर जांच एजेंसियों का शिकंजा और कस गया है। टैक्स चोरी की जांच कर रहे आयकर विभाग ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। इसमें कहा है कि 450 करोड़ रुपये की काली कमाई जौहर यूनिवर्सिटी में लगाई गई है। यूनिवर्सिटी को दान देने वाली कई कंपनियों का अस्तित्व ही नहीं मिला। आजम खान की ओर से सौंपी गई जौहर यूनिवर्सिटी को दान देने वालों की सूची में शामिल कई लोग मुकर गए। रिपोर्ट मिलने के बाद अब इस मामले की जांच ईडी करेगा।
भाजपा के रामपुर शहर से विधायक आकाश सक्सेना की शिकायत पर सितम्बर में आयकर विभाग ने आजम खां और उनके करीबियों के 30 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई लखनऊ, रामपुर, मेरठ, गाजियाबाद, मध्य प्रदेश के विदिशा समेत कई स्थानों पर हुई थी। तीन दिन तक विस्तृत सर्च ऑपरेशन चलाया। इसके बाद 20 अक्तूबर को सीपीडब्ल्यूडी की टीम ने जौहर यूनिवर्सिटी में डेरा डाला। इस दौरान इमारतों, फर्नीचर आदि की वास्तविक कीमत का आकलन किया गया। अब आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट ईडी को सौंपी है। ईडी पीएमएलए (प्रीवेन्सन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) व फेमा के तहत केस दर्ज कर सकता है, क्योंकि जिस गैरकानूनी तरीके से पैसे का ट्रांजेक्शन हुआ है, वह इसके दायरे में आता है। इसके अलावा विदेशी मुद्रा के लेनदेन की भी जानकारी सामने आई है।
विश्वविद्यालय में दो की मंजूरी लेकर बनाईं 59 इमारतें
सूत्रों के मुताबिक जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आजम खां की ओर से जौहर यूनिवर्सिटी के लिए दो इमारतों की मंजूरी लेकर 59 का निर्माण किया गया। यूनिवर्सिटी की लागत 46 करोड़ बताई गई लेकिन आकलन में यह 494 करोड़ निकली। इसमें भी यूनिवर्सिटी के लिए अधिग्रहीत जमीनों और अन्य चल सम्पत्तियों को शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा 88 करोड़ रुपये जल निगम, लोक निर्माण जैसे सरकारी विभागों के लगे हुए हैं। विभागों ने विभिन्न योजनाओं में काम बता कर पैसा जौहर यूनिवर्सिटी में लगाया। आयकर विभाग ने इस बारे में आजम खां से पूछताछ की, तो उन्होंने जौहर ट्रस्ट को चंदा देने वालों के नाम बताए थे। आयकर विभाग ने दानदाताओं से पूछा तो उन्होंने जौहर ट्रस्ट को किसी भी प्रकार का चंदा देने से इनकार कर दिया।
कंपनियों का पता नहीं चंदा दिल खोल कर दिया
सूत्र के अनुसार आयकर विभाग की जांच में लखनऊ की पिरामिड कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स, मुरादाबाद की सालार ओवरसीज लिमिटेड और फेज परवीन, दिल्ली के एआर एजुकेशन ट्रस्ट, रामीगेट इन्फ्रा डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड, बहराइच की मोहम्मद हसीब, नोएडा की सिटी एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी और अर्थ कम्यूनिकेशन इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड, रॉयल एम्पोरिया फ्रा टेक कंपनी की ओर से जौहर ट्रस्ट को करोड़ों रुपये चंदा दिया गया। हालांकि, इनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।