Maharashtra Chunav Congress Full Winners List: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों में बीजेपी की अगुआई वाली महायुति गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाती दिख रही है। बीजेपी के लिए यह जीत काफी अहम है क्योंकि ठीक करीब 6 महीने पहले लोकसभा चुनाव के दौरान उसे महाराष्ट्र में करारी हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि इसी झटके ने महायुति गठबंधन की आंखे खोली और उसके बाद से ही उसने मतदाताओं की नाराजगी को दूर कर उन्हें अपने पाले में लाने के लिए कमर कस ली। सबसे अहम भूमिका निभाई “माझी लाडकी बहीन योजना”। मध्य प्रदेश की ‘लाडली बहना योजना’ पर तर्ज शुरू की गई यह योजना महायुति गठबंधन के लिए गेमचेंजर साबित हुई। इसने महिला मतदाओं के एक बड़े वर्ग को उसके पाले में ला दिया।
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‘लाडली बहना योजना’ को सबसे पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने शुरू किया था। वहां यह योजना काफी सफल हुई और महिलाओं के बीच शिवराज को ‘मामा’ के नाम से जाना जाने लगा। फिर बीजेपी ने हरियाणा में इस योजना को “लाडली लक्ष्मी योजना” के नाम से लॉन्च किया। इस योजना का असर यह रहा है कि बीजेपी ने सभी चुनावी विश्लेषकों और एग्जिट पोल के अनुमानों को धता बताते हुए पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में दोबारा वापसी की। अब कुछ ऐसा ही महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले 5 प्रतिशत अधिक रहा। इस मतदान प्रतिशत को बढ़ाने में मुख्य भूमिका महिला मतदाताओं की रही। चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 के चुनावों में महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 59.26 रहा था, जो इस बार बढ़कर 65.21 प्रतिशत रहा। यानी 5.95 प्रतिशत अंकों की बढ़ोतरी।
खासतौर से ग्रामीण और आदिवासी इलाकों के महिला मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई। इसका श्रेय महायुति गठबंधन लाडकी बहीन योजना को जाता है, जिसके तहत शिंदे सरकार पिछले चार महीनों से महिलाओं को 1,500 रुपये महीने दे रही हैं।
एक बीजेपी नेता ने बताया, “निश्चित रूप से, लाडकी बहीन योजना ने महायुति के पक्ष में काम किया है। इस योजना और अन्य कल्याणकारी नीतियों के कारण महिलाएं खुश और अपने आप को सशक्त महसूस कर रही हैं। लाडकी बहीन योजना पिछले छह महीनों में लागू की गई है और यह आगे भी जारी रहेगी। इस तरह की योजना पहले कभी किसी राज्य में लागू नहीं की गई थी। इस योजना की वजह से महिलाओं में यह भावना है कि कम से कम एक सरकार तो है जो उनके बारे में सोच रही है और शायद यही वजह है कि बड़ी संख्या में महिलाएं हमारी सरकार के समर्थन में मतदान करने के लिए बाहर आई हैं।”