स्वीकृत किये गये कार्यो में धीमी प्रगति वाले अधिकारियों के विरूद्ध होगी कठोर कार्यवाही
जयपुर। जलदाय मंत्री कन्हैया लाल ने सोमवार को सचिवालय मे अधिकारियों की बैठक लेने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भीषण गर्मी के दौरान आमजन को राहत प्रदान करने एवं पेयजल व्यवस्था को सुदृढ बनाये रखने के लिए बेहतर प्रबंधन किया जा रहा है जिससे आमजन पेयजल संबंधीे किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पडे। उन्होने कहा कि विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये कार्यो में धीमी प्रगति करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। समस्याग्रस्त क्षेत्रों में पानी उपलब्ध करवाये जाने के लिए विभाग द्वारा निःशुल्क पेयजल परिवहन के उद्देश्य से टैंकरो का संचालन किया जा रहा है। टैंकरो द्वारा जल परिवहन की सुदृढ मोनिटरिंग जीपीएस, ओटीपी एवं तीन कूपन के माध्यम से की जा रही है।
उन्होने कहा कि आकस्मिक कार्यो के तहत ग्रामीण क्षेत्र के 48 जिलों व शहरी क्षेत्र के 201 कस्बों में जल परिवहन के लिए पेयजल प्रबंधन हेतु कार्य किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के 40 जिलों के 7970 हैबीटेशन में 9071 टैंकर द्वारा प्रतिदिन पेयजन की आपूर्ति की जा रही है। इसी तरह शहरी क्षेत्र के 56 शहरों 3667 टैंकरों द्वारा प्रतिदिन पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। उन्होने बताया कि जिला कलक्टर को अधिकृत आकस्मिक कार्यो हेतु प्रत्येक जिले को 50.00 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गयी है जिसके तहत विभाग द्वारा 362 कार्य प्रारम्भ कर 303 कार्य पूर्ण कर दिये गये है।
जलदाय मंत्री ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में पेयजल व्यवस्था सुदृढ बनाये रखने हेतु समस्याग्रस्त क्षेत्रों में नलकूप एवं हैण्डपम्प स्वीकृत किए गए है तथा इनके समयवद्ध निर्माण सुनिश्चित करने के लिए विभागीय ड्रिलिंग एवं जी.डब्लू.डी की रिंग मशीनों को तैनात कर दिया है एवं सभी रिंग मशीनों को आवंटित कार्यभार की सत्त मोनेटंरिग की जा रही है। प्रतिदिन फील्ड अधिकारियों द्वारा सप्लाई के समय उपभोक्ताओं के घर से फील्ड टेस्टिंग किट द्वारा पानी की गुणवत्ता की जांच की जा रही है साथ ही हर जिले में स्थित लेबोरेटरी द्वारा भी लगातार सैम्पल लेकर पानी की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा रहा है।
जलदाय मंत्री ने बताया कि अवैध कनेक्शनों को चिन्हित कर इन्हें अभियान के रूप में काटा जा रहा है, जिससे अन्तिम छोर पर पानी उपलब्ध हो सके। इस दौरान 5802 अवैध जल संबंध चिन्हित कर 5244 अवैध जल संबंध विच्छेद किए गए तथा 546 अवैध जल संबंधों को नियमित किया गया। अवैध जल सम्बन्धों के विरूद्ध 30 एफ आई आर दर्ज कराई गई। अभियान के दौरान 536 अवैध बूस्टर भी जब्त किये गये। राज्य स्तरीय नियत्रंण कक्ष से प्रतिदिन पेयजल से संबंधित प्राप्त शिकायतो को रजिस्टर में संधारित कर संबंधित जिलो के नियत्रंण कक्ष को समाधान हेतु प्रेषित किया जा रहा है। जिला स्तरीय नियत्रंण कक्ष द्वारा 56 प्रतिशत शिकायतो का निस्तारण किया जा चुका हैै।
इसी दौरान पत्रकारों के सवाल जिसमे विभाग द्वारा कंट्रोल रूम तो स्थापित कर दिया लेकिन ना तो कंट्रोल रूम पर कोई फोन उठाता है और न ही कोई कार्रवाई होती है के सवाल पर असहज लगे व मंत्री से मीडिया के सामने फोन लगाने को कहा तो कुछ देर बाद उनके सहयोगी ने फोन लगाकर दिया तो मंत्री ने शिकायतों के निस्तारण के बारे मे पूछा। पत्रकारों को जवाब देते हुए उन्होने कहा कि हमे मौजूदा सिमित संसाधनों मे ही काम चलाना होगा उन्होने अपनी तुलना ‘बालाजी’ से करते हुए कहा की मै बालाजी तो हु नहीं की पानी ला दू हमे पानी का दोहन रोकते हुए पानी बचाना होगा।