संसद का बजट सत्र आज (22 जुलाई) से शुरू हो गया है. संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि नमस्ते साथियों, आज सावन का पहला सोमवार है इस पवित्र दिवस पर एक महत्त्व पूर्ण सत्र का शुभारम्भ हो रहा है. और सावन के इस पहले सोमवार पर मैं देश वासियो को बहोत बहोत शुभकामनाएं देता हूं. आइए पढ़ते हैं पीएम मोदी के संबोधन की 5 बड़ी बातें.
1. पीएम मोदी ने कहा कि आज संसद का मानसून सत्र का आरंभ भी हो रहा है. देश बहुत बारीकी से देख रहा है की संसद का ये सत्र सकारात्मक हो, सृजनात्मक हो और देश वासियों के सपनो को सिद्ध करने के लिए एक मजबूत नींव रखने वाला है.
2. पीएम मोदी ने आगे कहा कि व्यक्तिगत रूप से मुझे भी हमारे सभी साथियों को भी ये अत्यंत गर्व का विषय है कि करीब 60 साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आये और तीसरी पारी का पहला बजट रखने का सौभाग्य प्राप्त हो ये भारत के लोकतंत्र की जो गौरव यात्रा की अतयंत गरिमापूर्ण घटना के रूप में देश इसे देख रहा है.
3. प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि तीसरी पारी का पहला बजट रखने का सौभाग्य प्राप्त हो, ये भारत के लोकतंत्र की गौरवयात्रा की अत्यंत गरिमापूर्ण यात्रा के रूप में देश इसे देख रहा है. ये बजट सत्र है, मैं देशवासियों को जो गारंटी देता रहा हूं उन गारंटियों को जमीन पर उतारना इस लक्ष्य को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं. ये अमृतकाल का मह्तवपूर्ण बजट है. ये अगले 5 साल का दिशा भी तय करेगा और 2047 के सपने को पूरा करने के लिए मजबूत नींव लेकर हम कल देश के सामने आएंगे.
4. PM मोदी ने कहा हर देशवासी के लिए गर्व की बात है कि भारत सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश है. 8 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ आगे बढ़ रहे हैं. आज की हालत में पॉजिटिव आउटलुक है. देश में अवसर का पीक है. ये अपने आप में भारत की विकास यात्रा का एक अहम पड़ाव है.
5. पीएम मोदी ने आगे कहा मैं देश के सभी सांसदों से आग्रह पूर्वक करना चाहता हूं कि हम गत जनवरी से लेकर हमारे पास जितना सामर्थ्य था जिनती लड़ाई लड़नी थी लड़ ली, जनता को सबकुछ बताया. किसी ने राह दिखाने का प्रयास किया, किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया, वो दौर अब समाप्त हो गया, देशवासियों ने अपना निर्णय दे दिया, अब चुने हुए सभी सांसदों का कर्तव्य है, सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है कि हमने दल के लिए जितनी लड़ाई लड़नी थी लड़ ली अब आने वाले 5 साल के लिए हमें देश के लिए लड़ना है, देश के लिए जीना है. एक और नेक बनकर जूझना है. मैं सभी राजनीतिक दलों से भी कहूंगा कि आइए हम आने वाले चार साढ़े 4 साल दल से ऊपर उठकर सिर्फ देश को समर्पित होकर संसद के इस गरिमापूर्ण मंच का हम उपयोग करें. जनवरी 2029 जब चुनाव का वर्ष होगा आप इसके बाद जाइए मैदान में सदन का उपयोग करना है कर लीजिए 6 महीने जो खेल खेलना है खेल लीजिए लेकिन तबतक देश और देश के गरीब और किसान, युवा, महिलाएं उनके सामर्थ्य के लिए ताकत देने के लिए जनभागीदारी का एक जन आंदोलन खड़ा करना होगा.