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December 25, 2025 12:14 am

ट्रूडो को नक्शे से दिया जवाब…….’ट्रंप का ‘अखंड अमेरिका’ प्लान! ‘बयानवीर’

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राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप अपने नए मिशन पर हैं. “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” का नारा देने वाले ट्रंप अब अमेरिका को ‘अखंड अमेरिका’ बनाने चले हैं. ऐसा वो सिर्फ कह नहीं रहे उनके पास इसके लिए पूरा प्लान तैयार है, जिसकी झलक उन्होंने हाल के बयानों में दिखाई है.

ट्रंप ने मंगलवार को अपने ट्रुथ मीडिया पर अमेरिका का एक नया मैप शेयर किया जिसमें उन्होंने कनाडा को अमेरिका का हिस्सा दिखाया. जिसके बाद ये चर्चाएं तेज हो गई हैं कि ट्रंप ‘ग्रेटर अमेरिका’ मिशन पर काम कर रहें हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा, उनके मिशन की पहली कामयाबी है. उनके मैप जारी करने बाद ट्रूडो भी आक्रमक हो गए हैं और उन्होंने भी इसका जवाब कड़े शब्दों में दिया है.
ट्रंप यहीं नहीं रुकने वाले हैं उनकी मंशा ग्रीनलैंड को डेनमार्क से वापस लेने की है. बताया जा रहा है कि इस मिशन के लिए उन्होंने अपने बेटे ट्रंप जूनियर को ग्रीनलैंड भेजा है. दूसरी और ट्रंप पनामा नहर का कंट्रोल भी अपने पास लेना चाहते हैं. इसके लिए ट्रंप के जुनून को ऐसे भी समझा जा सकता है कि इसको पाने के लिए उन्होंने सैन्य ऑपरेशन से भी इनकार नहीं किया है. अगर ये सब हो गया, तो अमेरिका क्षेत्रफल के लिहाज दुनिया का सबसे बड़ा देश बन जाएगे.
क्या अमेरिका बनेगा दुनिया सबसे बड़ा देश?

अमेरिका को इस समय दुनिया का सबसे ताकतवर देश माना जाता है. उसने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान इस बात को साबित भी किया है, लेकिन पिछले लगभग 80 सालों से कोई ऐसा युद्ध नहीं हुआ है जिसमें अमेरिका को सीधे किसी और देश ने टक्कर दी हो. हाल के सालों में रूस, चीन और ईरान अमेरिका को ललकार रहे हैं, इस समय रूस क्षेत्रफल के मामले में सबसे बड़ा देश है और हथियारों के मामले में इसको नंबर 2 माना जाता है.

वहीं चीन और ईरान भी अमेरिका के लिए कम खतरा नहीं है. अगर ट्रंप अपने मिशन में कामयाब होते हैं, तो भविष्य में रूस-चीन-ईरान के खतरों से अमेरिका आसानी से निपट लेगा. अमेरिका का मौजूदा क्षेत्रफल 98 लाख वर्ग किलोमीटर से थोड़ा ज्यादा है. और अगर इसमें कनाडा और ग्रीनलैंड का क्षेत्रफल भी मिल जाए, तो पूरा इलाका लगभग दो सौ बीस लाख वर्ग किलोमीटर हो जाएगा, जो रूस के क्षेत्रफल से भी ज्यादा होगा. इसके बाद अमेरिका के पास कई ऐसे रणनीतिक पॉइंट होंगे जहां से किसी भी खतरे का जवाब आसानी दिया जा सकेगा. इसके अलावा अमेरिका GDP, जनसंख्या और समुद्री व्यापार जैसे सभी क्षेत्रों में बहुत मजबूत देश बन जाएगा.

ट्रंप की बयानों की आलोचना

ट्रंप ने कई मंचों पर अपनी इस मंशा का जाहिर किया है, जिसकी डेनमार्क, कनाडा और पनामा के नेताओं ने आलोचना की है. डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा कि ग्रीनलैंड एक स्वशासित क्षेत्र है, जिसे बेचा नहीं जा सकता. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में मेटे फ्रेडरिक्सन के हवाले से कहा गया है, “मुझे नहीं लगता कि वित्तीय साधनों के साथ एक-दूसरे से लड़ना एक अच्छा तरीका है, जबकि हम करीबी सहयोगी और साझेदार हैं.”

कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने ट्रंप की टिप्पणियों को ‘पूरी तरह से समझ की कमी’ बताया और कहा, ‘हम धमकियों के सामने कभी पीछे नहीं हटेंगे.’ पनामा के विदेश मंत्री जेवियर मार्टिनेज-आचा ने भी ट्रंप की बयानबाजी को खारिज करते हुए कहा, ‘नहर को नियंत्रित सिर्फ पनामा करेगा और यह इसी तरह आगे भी जारी रहेगा.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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