बसवा । जोहार जागृति मंच के बैनर तले खूण्ड जाटोली निवासी धर्मेंद्र कुमार पिता बुद्धाराम मीणा ने आरती पुत्री बनवारी लाल भगतन की ढाणी बसवा जिला दौसा में अपनी शादी में दहेज,डीजे,अंधविश्वास,पाखण्ड,दिखावे मुक्त,वैज्ञानिक दृष्टिकोण युक्त,पर्यावरण संरक्षित धराड़ी प्रथा विवाह पद्धति से विवाह किया जिसमें दोनों पक्षों के गोत्र धराड़ी वृक्ष व *भारतीय संविधान* को साक्षी मानते हुए फेरे लेकर शादी सम्पादित की गई ।
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दूल्हा (लाडा)धर्मेंद्र का कहना है बिन खर्चीली इस शादी से समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा जिससे एक पिता को उसकी पुत्री कभी भी भार नहीं लगेगी और गरीब से गरीब व्यक्ति इस तरह अपनी बेटी की शादी को आसानी से कर पाएगा, साथ ही जिस प्रकृति से हमारा जीवन चक्रण चलता है उसका भी कूल धराड़ी पौधा को साक्षी रखने से पेड़ों का संरक्षण होगा ।जिससे पर्यावरण सुरक्षित होने के साथ ही मानव जीवन सरल,सुरक्षित और संरक्षित होगा।
एक तरफ जहां बरात विदाई में केवल 10 रूपए दिए तो वही बारात की संख्या भी मात्र 150 रखी तथा दिन में 4 बजे दुल्हन के घर बारात पहुंचकर रात 8 बजे लौट गई वही शाम 7: 15 बजे गोधूली समय में फेरे सम्पादित हुए। साथ ही दूल्हा धर्मेंद्र ने सरकारी सेवा में होने के बाद भी बेरोजगार लड़की तथा गरीब घर में शादी कर लालच से दूर साहसी मिशाल पेश की है। इसलिए यह शादी आस पास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
Author: रिपोर्टर Rajkuma सिंघल
राजस्थान