देश में बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (Bank FDs) को सुरक्षित और फिक्स्ड रिटर्न का एक पारंपरिक और बेहतर ऑप्शन माना जाता है. इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि निवेशक को डिपॉजिट के समय ही यह मालूम रहता है कि उसे टेन्योर के हिसाब से कितना ब्याज मिलेगा. बैंक FD कराते समय टेन्योर का खास ध्यान रखना जरूरी होता है क्योंकि कई बार 1 दिन कम या ज्यादा मैच्योरिटी लेने का असर ब्याज पर पड़ता है. जैसेकि अगर बैंक में 3 साल से कम और 3 साल या उससे ज्यादा का FD टेन्योर है, तो महज 1 दिन के कम या ज्यादा होने से ब्याज दरों में अंतर आ जाता है.
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FD: राउंड फिगर पर रहता है फोकस
आमतौर पर लोग FD राउंड फिगर कराते हैं. जैसेकि 6 माह, 1 साल, 2 साल, 5 साल. जबकि कुछ बैंकों में इस राउंड फिगर अवधि के लिए, इससे 1 दिन कम या ज्यादा होने पर FD पर ब्याज दर अलग-अलग हो जाती है. इसलिए FD खुलवाने से पहले FD अवधि और उस पर ब्याज का पता जरूर कर लें.
FD: 1 दिन की कीमत जानिए
इसे एक उदाहरण से समझते हैं. SBI में 211 दिन से लेकर 1 साल से कम की FD पर रेगुलर कस्टमर को 6.50 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. यही, अगर एफडी की मियाद 1 साल से लेकर 2 साल से कम की रखी जाए, तो ब्याज दर 6.80 फीसदी मिलेगा. यानी, महज 1 दिन के अंतर से ब्याज दर में 0.30 फीसदी का अंतर आ गया.
FD: 1 दिन की कीमत जानिए
एक और उदाहरण देखते हैं, अगर रेगुलर कस्टमर शॉर्ट टर्म यानी 7-45 दिन की FD SBI में कराता है, तो ब्याज दर 3.50 फीसदी है. लेकिन जैसे टेन्योर 46 दिन करता है, ब्याज दर सीधे 2 फीसदी ज्यादा यानी 5.50 फीसदी हो जाती है. इसलिए, हमेशा FD कराते समय में 1 दिन के अंतर पर ध्यान रखना चाहिए.
Bank FD में डिपॉजिट कितना सेफ
आमतौर पर लोग Bank FD में रकम सेफ ही होती है, लेकिन अगर बैंक डिफाल्ट कर जाए तो निवेशकों की सिर्फ 5 लाख रुपये तक डिपॉजिट ही सेफ रहता है. फाइनेंस कंपनियों पर भी यही नियम लागू है. डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) बैंक डिपॉजिट पर सिर्फ 5,00,000 रुपये तक का ही इंश्योरेंस गारंटी देता है.