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October 14, 2025 8:42 pm

जयपुर में ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी: बिना अनुमति पर पुलिस कार्रवाई, निषेधाज्ञा जारी

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राजधानी जयपुर में बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने वालों पर पुलिस शिकंजा कसेगी. सुरक्षा एजेंसियों के अलर्ट के बाद जयपुर के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर डॉ. रामेश्वर सिंह ने जयपुर कमिश्नरेट क्षेत्र के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी की है. जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों में ड्रोन के संचालन और उपयोग को नियंत्रित करने की कवायद की गई है. उन्होंने बताया कि विभिन्न कार्यक्रमों में ड्रोन के उपयोग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसके चलते कई अवांछनीय घटनाएं भी सामने आई हैं. इसके साथ ही विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की ओर से भी समय-समय पर ड्रोन का उपयोग कर अवांछनीय घटनाओं को अंजाम देने के संबंध में अलर्ट किया जाता है.

पांच श्रेणियों के होते हैं ड्रोन : उन्होंने बताया कि डीजीसीए के मैन्युअल और विमानन मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार ड्रोन को पांच श्रेणियों में बांटा गया है. नैनो ड्रोन 250 ग्राम या इससे कम वजन के होते हैं. माइक्रो नैनो ड्रोन 250 ग्राम से दो किलो वजन के होते हैं. दो किलो से 25 किलो वजनी ड्रोन स्मॉल श्रेणी में आते हैं. वहीं, 25 किलो से 150 किलो के ड्रोन मध्यम श्रेणी में और 150 किलो से अधिक वजन के ड्रोन लार्ज श्रेणी में आते हैं.

डीजीसीए देता है अनुमति : उन्होंने बताया कि माइक्रो, स्मॉल, मीडियम और लार्ज श्रेणी के ड्रोन को उड़ाने के लिए डीजीसीए की वेबसाइट पर डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है. इसके लिए डीजीसीए से यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर और अननेम्ड एयरक्राफ्ट ऑपरेटर परमिट लेने के साथ ही उड़ान भरने से पहले भारत सरकार के गृह मंत्रालय से अनुमति लेना भी जरूरी होता है.

रेड जोन में ड्रोन उड़ाना प्रतिबंधित : उन्होंने बताया कि डीजीसीए ने जयपुर कमिश्नरेट क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने के लिहाज से रेड, यलो और ग्रीन जोन में विभाजित किया है. रेड जोन में ड्रोन उड़ाना प्रतिबंधित है. जबकि यलो और ग्रीन जोन में माइक्रो, स्माल, मीडियम और लार्ज ड्रोन उड़ाने के लिए डीजीसीए की ओर से ही स्वीकृति जारी की जाती है. बिना स्वीकृति ड्रोन उड़ाने और नियमों का उल्लंघन करने पर यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर और परमिट निलंबित या रद्द किया जा सकता है. इसके साथ ही पुलिस द्वारा दंडात्मक कार्रवाई करने का भी प्रावधान है.

इन कारणों से जयपुर है संवेदनशील : उनका कहना है कि राजधानी में होने वाले विभिन्न समारोहों, कार्यक्रमों और पर्यटन संबंधी गतिविधियों के कारण जयपुर कमिश्नरेट काफी संवेदनशील क्षेत्र है. ऐसे में ड्रोन के उपयोग और संचालन को नियंत्रित किया जाना आवश्यक है. इसलिए यह निषेधाज्ञा जारी कर ड्रोन संचालकों को पाबंद किया गया है कि डीजीसीए की स्वीकृति के बिना कमिश्नरेट क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति माइक्रो श्रेणी के ड्रोन के अलावा किसी भी प्रकार के ड्रोन और फ्लाइंग ऑब्जेक्ट का संचालन नहीं करेगा.

250 ग्राम तक का माइक्रो ड्रोन उड़ाने की भी शर्तें : जिस क्षेत्र में नैनों ड्रोन से फोटोग्राफी की जानी है. वहां के पुलिस थाने को 24 घंटे पहले सूचना देनी होगी. इस ड्रोन को भी 50 फीट (15 मीटर) से ऊपर नहीं उड़ाया जा सकेगा. नियंत्रण क्षेत्र में उड़ान नहीं होगी और आसपास मानव युक्त या मानव रहित विमान नहीं हो, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा. नियंत्रित क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने के लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर और अनुमति जरूरी होगी. ड्रोन खुले क्षेत्र में उड़ाना होगा. लोगों और घरों के ऊपर नहीं. खराब मौसम में ड्रोन संचालन से बचना होगा. बैटरी कम होने पर ड्रोन नहीं उड़ा सकते. ड्रोन संचालन के दौरान मोबाइल कॉल से भी बचाना होगा.

Pooja Reporter
Author: Pooja Reporter

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