नई दिल्ली, 27 अप्रैल 2025। भारत में बहाई समुदाय के सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक आयोजनों में से एक राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभा का चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन प्रतिष्ठित बहाई उपासना मंदिर (लोटस टेम्पल) में हुआ, जहाँ देशभर से चुने गए प्रतिनिधियों ने प्रार्थना, चिंतन और विचार-विमर्श के साथ सभा के नए सदस्यों का निर्वाचन किया।
राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभा 2025-26 के नव निर्वाचित सदस्य इस प्रकार हैं:
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सुश्री नाजनीन रोहानी
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डॉ. ललिता शर्मा
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श्री दिनेश राव
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श्री एल. रशीद
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डॉ. मंगेश तेली
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डॉ. एलाहम मोहजर
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डॉ. आर. पी. सिंह
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डॉ. मयूरी मोहाजर
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सुश्री मार्था मगबलपुर
बहाई चुनाव प्रक्रिया: एक अनूठी परंपरा
बहाई धर्म की चुनाव प्रक्रिया दुनिया में अद्वितीय मानी जाती है। इसमें न तो प्रचार होता है, न ही नामांकन। हर प्रतिनिधि शांतिपूर्ण वातावरण में प्रार्थना और गहन विचार के बाद उन व्यक्तियों को चुनता है, जिन्हें वह सेवाभाव, नेतृत्व क्षमता, नैतिक बल और आध्यात्मिक परिपक्वता के आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त समझता है।
यह प्रक्रिया न केवल लोकतंत्र का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करती है, बल्कि सच्ची सेवा भावना को भी उजागर करती है।
बहाई संस्थागत ढांचा
बहाई धर्म का प्रशासनिक ढांचा स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर नौ सदस्यीय आध्यात्मिक सभाओं के माध्यम से कार्य करता है। ये सभाएँ न केवल संगठनात्मक जिम्मेदारियाँ निभाती हैं, बल्कि समुदाय के नैतिक, शैक्षिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए विविध योजनाओं का संचालन भी करती हैं।
इसके अलावा, प्रचार-प्रसार, शांति और एकता के संदेश को फैलाने तथा धर्म की शिक्षाओं की रक्षा के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्यकर्ता भी नियुक्त किए जाते हैं।
एक नई शुरुआत
नव निर्वाचित राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभा अपने कार्यकाल में बहाई धर्म के उच्च आदर्शों एकता, सेवा और न्याय को साकार करने के लिए प्रयासरत रहेगी। सभा का मुख्य उद्देश्य न केवल देश भर के बहाई समुदाय के समन्वय और विकास को सुनिश्चित करना है, बल्कि एक अधिक समावेशी, शांतिपूर्ण और सतत भविष्य की दिशा में भी अग्रसर होना है।
