घर में बेटे की सकुशल वापस लौटने को लेकर जश्न की तैयारी पूरी थी। सोमवार को अस्पताल से छुट्टी होनी थी। घर का पहला बेटा था। लेकिन क्या पता था कि आज ही उसका शव लेकर आना पड़ेगा। दर्द भरी जुबान में यह दर्द बयां किया ऋतिक चौधरी ने।
विवेक विहार स्थित बेबी केयर अस्पताल की 20 मई को ही बेटे को भर्ती किया था। ऋतिक बताते हैं कि उनकी एक बेटी पहले से हैं। उसके बाद 17 मई को बेटे ने जन्म लिया। जन्म के बाद बेटे को कुछ दिक्कत हुई जिसके कारण उसे पहले सरोज अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।। वहां से इस अस्पताल में रेफर किया गया। बुलंदशहर के शिवाली अली नगर गांव के रहने वाले ऋतिक बताते हैं कि उन्हें जानकारी दी गई थी कि यह एक अच्छा अस्पताल है और बच्चा यहां से ठीक होकर घर लौट आएगा। बच्चा ठीक भी हो रहा था शनिवार सुबह हमें सूचना दी गई थी कि सोमवार को अपने बच्चों को वापस ले जाना। लेकिन क्या पता था रात में ऐसी घटना हो जाएगी कि घर लौटने से एक दिन पहले ही उसका शव लेकर घर लौटना पड़ेगा।
Read More :- New Delhi News :- इनसे ज्यादा हमारे क्रिकेट को कौन समझ सकता; द्रविड़ नहीं तो गंभीर में क्या कमी….
ऋतिक बताते हैं कि सुबह सात बजे जब वह सो रहे थे। उसी समय उन्हें फोन आया की अस्पताल में आग लग गई है। घटना की जानकारी मिलते ही पत्नी को बिना बताए वह दिल्ली पहुंच गए। यहां आने पर पता चला कि आग लगने की घटना में जिन बच्चों ने दम तोड़ा है उसमें उनका बेटा भी शामिल है। यह सुनकर उनके पैरों से जमीन खिसक गई। वह कुछ समझ ना पाए और अपने चचेरे भाई के साथ अस्पताल के शव गृह में पहुंच गए हैं। ऋतिक बताते हैं कि पत्नी बार-बार फोन करके पूछ रही है बेटा कैसा है, हर बार दिलासा दे रहा हूं कि बेटा ठीक है और उसे लेकर घर आऊंगा।
अस्पताल में आग लगने से गई सात नवजात बच्चों की जान
शाहदरा के विवेक विहार स्थित न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में शनिवार देर रात भीषण आग लग गई। इस हादसे में सात नवजात बच्चों की मौत हो गई है। पांच बच्चों का इलाज दूसरे अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल से 12 नवजात बच्चों का रेस्क्यू किया गया था। इनमें से छह बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जबकि एक की पहले ही मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन सिलिंडर फटने से अस्पताल में आग लगी थी।