राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसले पर दक्षिण भारत के राज्यों खासकर तमिलनाडु सरकार के विरोध के बीच कांग्रेस की सबसे सीनियर नेता सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यह नीति देश की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर रही है. उन्होंने इसे तीन ‘C’ – केंद्रीकरण, व्यावसायीकरण और सांप्रदायिकता – से जोड़ा. उनका कहना है कि इस नीति में केंद्र सरकार ने सारी ताकत अपने हाथ में ले ली है. शिक्षा को निजी हाथों में सौंप दिया है और सिलेबस और संस्थानों में सांप्रदायिकता फैला रही है.
सोनिया गांधी ने शिक्षा नीति को लेकर एक लेख लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार बातचीत करने के बजाय दबाव डालने की नीति अपना रही है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार आरएसएस और बीजेपी के पुराने एजेंडे को पूरा कर रही है, जिसमें शिक्षा के जरिए नफरत और कट्टरता फैलाना शामिल है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में ऐसे प्रोफेसरों की भर्ती हो रही है, जो दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े हैं, भले ही उनकी शैक्षिक योग्यता कमजोर हो. साथ ही, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) प्रोफेसर और कुलपति की योग्यता को कम करने की कोशिश कर रहा है, ताकि सरकार अपने लोगों को इन पदों पर बिठा सके.
राज्यों को मजबूर कर रहा केंद्र
उन्होंने केंद्र सरकार पर एक और गंभीर आरोप लगाया. सोनिया गांधी के मुताबिक सरकार राज्यों को ‘पीएम-श्री’ मॉडल स्कूल योजना लागू करने के लिए मजबूर कर रही है. ऐसा करने के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्यों को मिलने वाली राशि रोक दी जा रही है. यह कदम राज्यों के अधिकारों का हनन है. सोनिया ने यह भी कहा कि उच्च शिक्षा में सरकार सख्त नियम ला रही है, जो शिक्षा की आजादी को खत्म कर सकते हैं.
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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोनिया के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार बातचीत नहीं करती, बल्कि दबाव डालती है. सबसे शर्मनाक बात यह है कि राज्यों को उनकी हक की राशि न देकर पीएम-श्री योजना थोपी जा रही है. उन्होंने इसे शिक्षा के साथ खिलवाड़ बताया.
बीजेपी का पलटवार
सोनिया के इन बयानों पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, “जब से कांग्रेस और गांधी परिवार विपक्ष में हैं, उन्हें देश में कुछ भी अच्छा नहीं दिखता. 10 साल में एक भी ऐसा काम नहीं हुआ, जो उन्हें पसंद आए. यह उनकी सोच को दर्शाता है कि वे खुद अच्छा नहीं सोचते.” कोहली ने सोनिया के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति देश के लिए फायदेमंद है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी सोनिया की आलोचना का जवाब दिया. उन्होंने कहा, “अंग्रेजों ने जो शिक्षा व्यवस्था बनाई थी, वह भारतीयों को गुलाम बनाने के लिए थी. नई शिक्षा नीति का हर राष्ट्रभक्त स्वागत करेगा. सोनिया जी को इसकी पूरी जानकारी लेनी चाहिए. इस नीति से किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है.” फडणवीस ने इसे देश की प्रगति के लिए जरूरी बताया. बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भी सोनिया पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सोनिया आज शिक्षा नीति पर सवाल उठा रही हैं, लेकिन पहले उनकी सरकारों ने क्या किया, यह देखें.”
