30 जुलाई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया और साथ ही ये भी कहा कि भारत पर अतिरिक्त पेनाल्टी भी लगेगी, क्योंकि भारत रूस से सैन्य उपकरण और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स खरीद रहा है. इतना कुछ करने के बाद ट्रंप ने भारत को ‘मृत अर्थव्यवस्था’ यानी ‘डेड इकोनॉमी’ तक कह डाला.
लेकिन दूसरी तरफ, उनकी अपनी कंपनी, ट्रंप ऑर्गनाइजेशन, भारत को अपने विदेशी कारोबार का सबसे बड़ा ठिकाना बना चुकी है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दस सालों में ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने भारत के बड़े शहरों – मुंबई, पुणे, कोलकाता और गुरुग्राम में सात बड़े प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं, जिनसे अब तक 175 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हो चुकी है.
2024 में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ब्रांड ने भारत में अपने विस्तार की रफ्तार और तेज कर दी. नवंबर 2024 में ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के कुछ ही दिनों बाद उनकी कंपनी ने भारतीय पार्टनर ट्रिबेका डेवलपर्स के साथ मिलकर छह नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा की. ये प्रोजेक्ट्स गुरुग्राम, पुणे, हैदराबाद, मुंबई, नोएडा और बेंगलुरु जैसे शहरों में शुरू किए गए हैं.
भारत में कैसे चलता है ट्रंप का बिज़नेस ?
भारत में ट्रंप ऑर्गनाइजेशन का बिज़नेस मॉडल ब्रांड लाइसेंसिंग पर चलता है. इसमें ट्रंप की कंपनी खुद पैसे नहीं लगाती और न ही कोई निर्माण कार्य करती है. इसके बजाय, भारतीय रियल एस्टेट कंपनियां ट्रंप के नाम का इस्तेमाल करने की फीस देती हैं और उसी नाम से लग्ज़री प्रोजेक्ट्स बाज़ार में लाती हैं.
इन प्रोजेक्ट्स के लिए पैसा जुटाने, निर्माण करने और बिक्री की सारी ज़िम्मेदारी भारतीय डेवलपर्स की होती है. इस तरह ट्रंप को बिना कोई आर्थिक रिस्क लिए मोटी कमाई हो जाती है. भारत में ट्रंप ब्रांड का काम ट्रिबेका डेवलपर्स संभालता है, जिसे कल्पेश मेहता ने शुरू किया था. ट्रिबेका ने लोढ़ा ग्रुप, पंचशील रियल्टी, एम3एम ग्रुप और यूनिमार्क जैसे बड़े भारतीय डेवलपर्स के साथ मिलकर ट्रंप टावर्स बनाए हैं.
अब तक बन चुके हैं कई प्रोजेक्ट
2012 में भारत में पहला ट्रंप प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, और तब से अब तक ट्रंप ब्रांड का दायरा 35 लाख स्क्वायर फीट तक फैल चुका है. लेकिन अब ये और बढ़ने वाला है, जो 1.1 करोड़ स्क्वायर फीट तक पहुंच जाएगा. गुरुग्राम, पुणे और हैदराबाद में तीन बड़े नए प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं, जिनकी कुल लागत करीब 8,000 करोड़ रुपये है. इसके अलावा, नोएडा, मुंबई और बेंगलुरु में भी नए प्रोजेक्ट्स प्रस्तावित हैं.
इन नए प्रोजेक्ट्स से 15,000 करोड़ रुपये की बिक्री होने की उम्मीद है, जैसा कि ट्रिबेका ने इस साल मार्च में पुणे के पहले कमर्शियल प्रोजेक्ट के लॉन्च के दौरान बताया था. इसके अलावा, भारत में पहली बार ट्रंप ब्रांडेड गोल्फ कोर्स और लग्जरी विला भी बन रहे हैं, हालांकि इनकी सटीक जगह का खुलासा अभी नहीं हुआ है.
भारत बना ट्रंप ब्रांड का सबसे बड़ा विदेशी अड्डा
गौरतलब है कि 2024 में ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने भारत से 12 मिलियन डॉलर, यानी करीब 100 करोड़ रुपये की तगड़ी कमाई की. भारत में ट्रंप के नाम से कुल 13 प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं. पुणे में एक प्रोजेक्ट के लॉन्च के दौरान ट्रंप के बेटे एरिक ट्रंप ने कहा, भारत ने हमारे ब्रांड को जबरदस्त उत्साह के साथ अपनाया है. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप जूनियर भारत को हमारे बिजनेस के लिए सबसे तेजी से बढ़ता बाजार बता चुके हैं.
द ट्रंप ऑर्गनाइजेशन न्यूयॉर्क की एक पारिवारिक कंपनी है, जिसे डोनाल्ड ट्रंप ने शुरू किया था. 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने कंपनी के रोज़ाना के कामकाज से खुद को अलग कर लिया और सारी ज़िम्मेदारी अपने बेटों को दे दी, लेकिन कंपनी पर उनका मालिकाना हक अब भी बरकरार है.
