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October 8, 2025 9:18 am

लागू किया हमास वाला फॉर्मूला! ईरान अब अपने कमांडरों को नहीं मरने देगा……

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इजराइल से सीजफायर के बाद अब ईरान अपने सुरक्षा व्यवस्था के कील-कांटे को दुरुस्त करने में जुटा है. इसी कड़ी में ईरान ने बड़ा फैसला किया है. इसके मुताबिक अब ईरान अपने कुछ सैन्य संगठनों में प्रमुखों की नियुक्ति नहीं करेगा. यह फैसला इजराइल के टारगेट किलिंग से बचने के लिए लिया गया है. 13 जून को जंग की शुरुआत में ही इजराइल ने ईरान के 10 सैन्य कमांडर मार गिराए थे.

ईरान के काहयान अखबार के मुताबिक ईरान की सरकार ने खतम अल-अनबिया के प्रमुख की घोषणा नहीं की है. अखबार का कहना है कि जिसे ये इस ब्रिगेड की कमान मिली है, उसने अपना जिम्मा संभाल लिया है, लेकिन ईरान ने उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की है.

जंग की शुरुआत में ही खतम-अल-अनबिया के प्रमुख अली शादमानी की इजराइल ने हत्या कर दी थी. शमदानी के बाद जिस शख्स को कमान मिली थी, उसे भी इजराइल ने मार गिराया था.

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खतम अल अनबिया का मतलब क्या है?

ईरान के सैन्य ढांचे में यह एक ब्रिगेड है. इसका मतलब होता है- पैंगबरों की मुहर. यह एक ईरानी इंजीनियरिंग फर्म है, जिसका नियंत्रण इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के पास है. यह फर्म, जिसे GHORB के नाम से भी जाना जाता है , IRGC की प्रमुख इंजीनियरिंग शाखा है और औद्योगिक और विकास परियोजनाओं में ईरान के सबसे बड़े ठेकेदारों में से एक है.

खतम का मूल काम मिसाइल बनाना, हथियार की मॉनिटरिंग करना है. जंग में इजराइल के निशाने पर यही ब्रिगेड था. खतम अल-अनबिया को 1980-88 के ईरान-इराक युद्ध के दौरान देश के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए बनाया गया था. इसके प्रमुख को अली खामेनेई का करीबी माना जाता है.

ईरान ने लागू किया हमास वाला फॉर्मूला?

इस फैसले के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या ईरान ने हमास वाला फॉर्मूला अपने यहां लागू कर लिया है. दरअसल, इजराइली अटैक से बचने के लिए हमास ने याह्या सिनवार की हत्या के बाद किसी भी कमांडर नियुक्त नहीं किया.

हमास के अधिकारियों का मानना था कि किसी को कमांडर नियुक्त करने से इजराइल सीधे उसे निशाना बना लेगा. अगर कमांडर की नियुक्ति नहीं की जाती है तो उसे मारना इजराइल के लिए आसान नहीं होगा.

ईरान के सैन्य प्रवक्ता ने स्थानीय बात करते हुए कहा कि हम पुरानी गलतियों को अब नहीं दोहराएंगे. जिस तरीके से हमारे कमांडर मारे गए, वो एक झटका था, लेकिन ईरान की बुनियाद काफी मजबूत है.

Seema Reporter
Author: Seema Reporter

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