देश के दो प्रमुख क्रिकेटरों ने टेस्ट मैचों से संन्यास का ऐलान कर दिया है। इससे भारतीय क्रिकेट के एक युग का समापन हो गया है। कप्तान रोहित शर्मा के बाद 12 मई को पूर्व कप्तान विराट कोहली ने भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। भारत की ओर से अब ये दोनों केवल वनडे मैच खेलेंगे। अगले महीने भारतीय टीम को इंग्लैंड दौरे पर जाना है।
वहां 20 जून से पांच टेस्ट मैचों की सीरीज आरंभ होगी। इस लिहाज से इसे एक झटका कहा जा सकता है। दो अनुभवी खिलाडि़यों की गैर हाजिरी से टीम के जीतने की संभावना क्षीण हो जाएगी। इंग्लैंड की धरती पर उन्हें हराना कठिन चुनौती है। विराट उम्र में रोहित से दो साल छोटे हैं इसलिए उनसे अभी ऐसी उम्मीद नहीं थी।
बीसीसीआई ने उनसे अपना फैसला बदलने के लिए भी कहा लेकिन विराट नहीं माने। वह इंग्लैंड दौरे के बाद यह निर्णय करते तो ज्यादा उचित होता। पर, रिटायरमेंट किसी भी खिलाड़ी का निजी फैसला होता है। इन दोनों ने जून 2024 में टी−20 विश्व कप जीतने के बाद एक साथ ही टी−20 फार्मेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी। अब टेस्ट मैच को इन्होंने लगभग एकसाथ ही अलविदा कह दिया है।
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विराट कोहली से सचिन तेंदुलकर के सौ शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ने की उम्मीद की जा रही थी। पर, अब ऐसा नहीं होगा। अपने 14 साल के करियर में कोहली ने 123 टेस्ट खेले और कुल 9,230 रन बनाए। उनके नाम 30 शतक और 31 अर्ध शतक है। टेस्ट में 7 दोहरा शतक जड़ने वाले वे इकलौते भारतीय और दुनिया के एकमात्र कप्तान हैं। 254 नाबाद उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की जिसमें से 40 में जीत हासिल की। पिछले साल जब न्यूजीलैंड से भारत 3−0 से टेस्ट सीरीज हारा तब विराट कोहली और कप्तान रोहित की खूब आलोचना हुई थी।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के पहले टेस्ट मैच में विराट ने पर्थ में शतक लगाकर अच्छा संकेत दिया था लेकिन बाद के मैचों में उनकी फार्म फिर गड़बड़ रही। भारत यह सीरीज हार कर स्वदेश लौटा। वनडे में उनके 50 से अधिक शतक हैं। एक शतक टी−20 में है। सौ का आंकड़ा बहुत दूर नहीं था। मैदान पर विराट की आक्रामक मुद्रा टीम में जोश भरने के लिए काफी है। टेस्ट मैचों में पिछले कुछ वर्षों से विराट और रोहित दोनों का प्रदर्शन उतार पर था। विराट ने टेस्ट क्रिकेट में दस हजार रन पूरे करने से पहले ही संन्यास ले लिया।
रोहित का निर्णय अप्रत्याशित नहीं
कप्तान रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का निर्णय अप्रत्याशित नहीं कहा जा सकता लेकिन विराट ने सबको चौंका दिया है। वह मौजूदा आईपीएल में भी उम्दा खेल दिखा रहे हैं। दो माह पहले दुबई में चैम्पिंयंस ट्राफी में उन्होंने पाकिस्तान के विरुद्ध शतक भी लगाया था। उम्मीद थी कि वह अभी दो−तीन साल और खेलेंगे। अब हम इन दोनों को वनडे में ही खेलते देख सकेंगे।
इस खेल के लंबे प्रारूप में रोहित प्रदर्शन उतार−चढ़ाव वाला रहा है। 38 साल के रोहित पर उम्र का असर दिख रहा है। वर्ष 2024 में उनका प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा। उनकी कप्तानी में भारत ने अपने घर में ही न्यूजीलैंड से तीन टेस्ट मैचों की सीरीज गंवाई। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में पांच मैचों की बार्डर−गावस्कर टेस्ट सीरीज में भी भारत को पराजय स्वीकार करनी पड़ी। हालत यह थी कि अंतिम टेस्ट मैच में कप्तान रोहित को खुद बाहर बैठना पड़ा।
उनकी जगह जसप्रीत बुमराह ने कप्तानी की। कोच गौतम गंभीर से विवाद की खबरें भी सामने आईं। रोहित के नेतृत्व पर सवाल उठने लगे। उनसे संन्यास लेने की मांग की जाने लगी। खैर, अब जब रोहित ने टेस्ट मैच से हटने का फैसला किया है तो बीसीसीआई को नए कप्तान की तलाश करनी होगी। जून में भारतीय टीम को पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने इंग्लैंड का दौरा करना है। इसी के साथ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के अगले सत्र की शुरुआत हो जाएगी।
रोहित शर्मा टी−20 से पहले ही संन्यास ले चुके हैं। अब वह केवल वनडे मैच खेलते नजर आएंगे। जून 2024 में टी−20 विश्व कप जीतने के बाद उन्होंने इस प्रारूप से संन्यास लेने का ऐलान किया था। उनके साथ विराट कोहली और रवींद्र जडेजा ने भी देश की ओर से टी−20 नहीं खेलने का निर्णय किया था। रोहित ने 2007 के टी−20 विश्व कप से अपना अंतरराष्ट्रीय करियर आरंभ किया था।
मगर, टेस्ट मैचों में उन्हें जगह देर से मिली। 2013 में जब वेस्ट इंडीज की टीम भारत आई तब रोहित को टेस्ट टीम में शामिल किया गया। पहले वह मध्य क्रम में खेलते थे। बाद में सलामी बल्लेबाज की भूमिका में आ गए। रोहित ने कुल 67 टेस्ट खेले जिसमें 12 शतक और 18 अर्ध शतक के साथ 4301 रन बनाए। पांच दिन के मैचों में 212 उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। यह आश्चर्य की बात है कि रोहित जैसा बड़ा खिलाड़ी सौ टेस्ट भी नहीं खेल पाया। ये आंकड़े उनके कद के अनुरूप नहीं हैं।
विराट कोहली ने जब 2021 में कप्तानी छोड़ी तो रोहित शर्मा को यह जिम्मेदारी दी गई। वह सभी फार्मेट में कप्तान बने। बतौर कप्तान रोहित ने 24 टेस्ट मैच खेले जिसमें 12 जीते और 9 में पराजय मिली। इस दौरान उनका औसत 30.58 का रहा।
हिटमैन के रूप में हुए चर्चित
रोहित शर्मा पर सीमित ओवरों के मैच के बढि़या खिलाड़ी का ठप्पा लग चुका था। उन्होंने वनडे मैचों में दनादन पारियां खेलीं। 50 ओवर के मैच में दो दोहरे शतक बनाकर सुर्खियां बटोरी। वर्ष 2019 के वनडे विश्व कप में वह जबर्दस्त फार्म में थे। चार शतक उनके बल्ले से निकले। उनके शानदार प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम अंक तालिका में टॉप पर थी। दुर्भाग्य से सेमी फाइनल में न्यूजीलैंड से हार कर भारत खिताबी दौड़ से बाहर हो गया।
टी−20 और वनडे में रोहित की धुंआधांर बल्लेबाजी से उनका नाम ‘हिटमैन’ पड़ गया। उन्होंने 273 वनडे मैचों में 11,186 रन बनाए। इसमें 264 उनका सर्वोच्च स्कोर है। 2023 के वनडे विश्व कप में रोहित कप्तान थे। हमारी टीम ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन फाइनल में कंगारू टीम से हार गए। अब लगता है कि वह अगला वनडे विश्व कप 2027 खेल कर इस फार्मेट से भी संन्यास ले लेंगे। तब तक वह 40 साल के हो जाएंगे।
