auruhana2.kz
autokolesa.kz
costacoffee.kz
icme2017.org
kenfloodlaw.com
Vavada
Chicken Road
카지노 사이트 추천
betify

Explore

Search

August 24, 2025 9:49 am

अमित शाह: तो जनता उसे उखाड़ फेंकने की ताकत रखती है! जब सत्ता तानाशाही बन जाती है……..

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

भारत में आपातकाल 1975 से 1977 तक 21 महीने की अवधि थी, जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आंतरिक और बाहरी खतरों का हवाला देते हुए पूरे देश में आपातकाल की घोषणा की थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि 50 साल पहले लगाए गए आपातकाल ने लोकतंत्र की नींव हिला दी थी, लेकिन भारत उस काले अध्याय से उबर गया, क्योंकि देश कभी तानाशाही के आगे नहीं झुकता। शाह ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस पार्टी पर संविधान की पवित्रता की अवहेलना करने का आरोप लगाने के लिए निशाना साधा और कहा कि पार्टी के नेताओं को जवाब देना चाहिए कि आपातकाल लागू होने के समय वे संविधान के रक्षक थे या भक्षक।

Health Tips: सेहत को होगा भारी नुकसान……’इन फलों को खाने के बाद गलती से भी न पिएं पानी……

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि आपातकाल कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं, बल्कि कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता का परिचायक था। शाह ने यह बात तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के संदर्भ में कही। इंदिरा गांधी सरकार ने 25 जून 1975 को आपातकाल लागू किया था। आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देते हुए शाह ने कहा कि यह दिन सभी को याद दिलाता है कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है, तो जनता उसे उखाड़ फेंकने की ताकत रखती है।

गृह मंत्री ने कहा कि ‘आपातकाल’ कांग्रेस की सत्ता की भूख का ‘अन्यायकाल’ था। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नयी पीढ़ी जान सके, इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ का नाम दिया। शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा, “आपातकाल कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं, बल्कि कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता का परिचायक था।” उन्होंने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता कुचली गई, न्यायपालिका के हाथ बांध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया।

शाह ने कहा, “देशवासियों ने ‘सिंहासन खाली करो’ का शंखनाद किया और तानाशाह कांग्रेस को उखाड़ फेंका। इस संघर्ष में बलिदान देने वाले सभी वीरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।” पिछले साल शाह ने घोषणा की थी कि मोदी सरकार 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाएगी, ताकि इस अवधि के दौरान अमानवीय पीड़ा सहने वालों के बड़े योगदान को याद किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा था कि संविधान हत्या दिवस मनाने से प्रत्येक भारतीय में व्यक्तिगत स्वतंत्रता व लोकतंत्र की रक्षा की अमर ज्वाला को प्रज्वलित रखने में मदद मिलेगी, जिससे कांग्रेस जैसी तानाशाही ताकतों को उन भयावहताओं को दोहराने से रोका जा सकेगा।

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
ligue-bretagne-triathlon.com
pin-ups.ca
pinups.cl
tributementorship.com
urbanofficearchitecture.com
daman game login