ईरान बौखलाया हुआ है. इजराइल के हमलों के अपने टॉप लीडरों को खोने के बाद वह घर का भेदी ढूंढने में लगा है. दरअसल इजराइल ने जिस तरह से ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम को फेल किया. उससे ईरान को लग रहा है कि उसके देश के ही लोगों ने गद्दारी की. ईरान का शक सीधे ईरान में रह रहे यहूदी नागरिकों पर है. इजराइल के साथ संबंध होने के संदेह में कई यहूदी समुदाय के नेताओं को अब तक गिरफ्तार किया गया है.ईरान की फार्स समाचार एजेंसी के मुताबिक अब तक 700 से अधिक लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.
एक मानवाधिकार संगठन ने शनिवार को बताया कि ईरान-इजराइल के बीच 12 दिन तक चले संघर्ष के बाद सबसे पहले ईरान में 35 यहूदियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया, यह उस दिन हुआ था जिस दिन अमेरिका ने सीजफायर का ऐलान किया था. इसके बाद से ये संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिन यहूदियों को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है उन्हें चेतावनी दी जा रही है कि वह विदेश में रहने वाले किसी भी व्यक्ति से किसी तरह का संपर्क न करें.
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अचानक छापा मार पकड़े जा रहे यहूदी
ईरानी यहूदी समुदाय से जुड़े एक व्यक्ति ने एचआरएएनए को बताया कि समुदाय के जिन लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था उनकी संख्या बहुत ज्यादा थी. इसके अलावा जो पूछताछ के लिए नहीं पहुंच रहे उन्हें अचानक छापा मारकर पकड़ा जा रहा है. इजराइल के चैनल 12 समाचार आउटलेट को एक ईरानी महिला मरियम ने बताया कि एक रात डेढ़ बजे ईरानी बल के सदस्य अचानक दीवार फांदकर आंगन में घुसे और हथियारों की बल पर यहूदी परिवारों को अपने साथ ले गए. इनमें 6 महिलाएं और 4 पुरुष थे. इन्हें भेड़ बकरियों की तरह कार में भरकर ले जाया गया. बाद में महिलाओं को जमानत पर रिहा कर दिया गया.
धार्मिक नेताओं पर इजराइल से संबंध का आरोप
फ्रांसीसी-ईरानी महिला अधिकार समूह मेले आजादी के मुताबिक तेहरान और शिराज में धार्मिक नेताओं और रब्बियों को बिना किसी सबूत के इजराइल से संबंध रखने का आरोप लगाया है. वाईनेट समाचार आउटलेट के मुताबिक ईरानी अधिकारियों ने कई यहूदी परिवारों को गिरफ्तार किया और उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर लिए. हालांकि महिलाओं को बाद में रिहा कर दिया गया.
ईरान में रहती है दूसरी सबसे बड़ी यहूदी आबादी
इजराइली रेडियो स्टेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल के हमले के बाद ईरानी यहूदियों ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, इसमें ईरान और सर्वोच्च नेता अली खामेनेई का समर्थन किया गया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में 8 हजार से 10 हजार यहूदी रहते हैं. अगर इस आंकड़े पर गौर करें तो इजराइल के बाद ईरान दूसरा ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा यहूदी आबादी रहती है. अब तक 700 लोगों को अब तक इजराइल की मदद करने के शक में गिरफ्तार किया गया है. टाइम्स ऑफ इजराइल की एक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से तीन लोगों को फांसी दी गई है.ये तीनों कुर्द है, जिनके नाम इद्रिस अली, अज़ाद शोझई, रसौल अहमद रसौल हैं.
चीन के बाद मौत की सजा देने वाला ईरान दूसरा देश
तेहरान नियमित रूप से विदेशी खुफिया सेवाओं के लिए काम करने के शक में एजेंटों को गिरफ्तार करता है और फांसी देता है.एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित अन्य मानवाधिकार समूहों के मुताबिक ईरान मौत की सजा देने के मामले में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. 13 जून को इजरायल द्वारा ईरान पर हमला करने के बाद तेहरान ने इजराइल के सहयोग के संदेह में गिरफ्तार लोगों पर शीघ्र मुकदमा चलाने की कसम खाई थी.
