नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 44वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले-2025 में राजस्थान मंडप इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यहां प्रदर्शित पारंपरिक जयपुरी रजाइयों और महिला उद्यमिता के दमदार प्रदर्शन ने आगंतुकों का दिल जीत लिया है. हल्की, गर्म और उच्च गुणवत्ता वाली जयपुरी रजाइयों को काफी सराहना मिल रही है. मंडप में रजाई स्टॉल संचालक अब्दुल रऊफ ने बताया कि इन रजाइयों की खास बात इनका बेहद कम वजन है, जो मात्र 100 ग्राम से तैयार की जाती हैं. इसके बावजूद इनकी गर्माहट और कोमलता सर्दियों के लिए इसे अत्यधिक उपयोगी बनाती है.
उन्होंने बताया कि जयपुर का मंसूरी समाज पिछले सात-आठ पीढ़ियों से रजाई निर्माण का वंशानुगत व्यवसाय कर रहा है. घरेलू उपयोग के सर्दी उत्पाद बनाने में उनकी विशेष दक्षता है, जिसमें रजाइयां सबसे प्रमुख पहचान हैं. इन रजाइयों को अलग-अलग साइज और डिज़ाइनों में 500 रुपये से 5000 रुपये की रेंज में उपलब्ध कराया गया है. वहीं, स्टॉल पर 800 से 2000 रुपये तक की रूई की जैकेट्स भी खरीदारों को खूब पसंद आ रही हैं.
SHG महिलाएं बनीं राजस्थान की आर्थिक शक्ति
इसके साथ ही राजस्थान मंडप राज्य की महिला सशक्तिकरण यात्रा का भी सशक्त प्रदर्शन कर रहा है. स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जुड़ी महिलाएं अपने हस्तशिल्प कौशल के साथ आत्मनिर्भरता और उद्यमिता की मिसाल पेश कर रही हैं. राज्य सरकार की कौशल प्रशिक्षण योजनाओं, ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा और स्थानीय शिल्प को बाजारों तक पहुंचाने की नीतियों के चलते महिलाएं आज आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं.
लोक से बाजार तक – राजस्थानी हस्तशिल्प का कमाल
मेले में स्थापित महिला नेतृत्व वाले स्टॉल राजस्थान की सांस्कृतिक समृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की अहम भूमिका को उजागर कर रहे हैं. यहां प्रदर्शित उत्पाद न केवल घरेलू और राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों का भी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. राजस्थान मंडप इस बार ‘लोक से बाजार तक’ की उस सफलता को जीवंत रूप से पेश कर रहा है, जहां परंपरा और आधुनिकता का बेहतरीन संगम देखने को मिलता है. राज्य की पहलें स्थानीय शिल्प और ग्रामीण कारीगरों को वैश्विक पहचान दिलाने के साथ ही पर्यटन और व्यापार क्षेत्र में भी नए अवसर पैदा कर रही हैं. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में राजस्थान की यह दमदार उपस्थिति यह साबित कर रही है कि परंपरा, तकनीक और महिला शक्ति का संगठित सहयोग भविष्य में राज्य की आर्थिक प्रगति और आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.





