जयपुर: प्रदेश के सरकारी बोर्ड निगमों, विश्वविद्यालय और स्वायत्तशासी संस्थानों में एनपीएस लागू करने के फैसले को लेकर राज्य सरकार ने यू-टर्न ले लिया है. अब जिन बोर्ड-निगम, विश्वविद्यालय, स्वायत्त शासी संस्थानों में पहले से ओल्ड पेंशन स्कीम OPS लागू हो चुकी है, सरकार उसे अब बंद नहीं करेगी. इन संस्थाओं के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद भी ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलता रहेगा.
इसे लेकर बुधवार रात वित्त विभाग ने नया आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक जिन संस्थाओं में 31 अक्टूबर 2023 तक OPS लागू हो चुकी है, उनमें यह योजना जारी रहेगी. इसी तरह अनुदानित संस्थाओं के अलावा अन्य संस्थाओं बोर्ड निगम यूनिवर्सिटी और स्वायत्त संस्थाओं को अपने स्तर पर ही OPS के लिए फंड की व्यवस्था करनी होगी.

वहीं, वित्त विभाग के आदेशों के मुताबिक जिन संस्थाओं में OPS संबंधित प्रावधानों के तहत कर्मचारियों और पेंशनरों से विकल्प पत्र भरवा लिए गए हैं और निश्चित राशि जमा कर दी गई थी, लेकिन पेंशनरों को OPS का लाभ शुरू नहीं किया गया, ऐसी संस्थाएं अपनी आर्थिक स्थिति ठीक होने पर OPS लागू कर सकती है. वहीं, जिन संस्थाओं के पास OPS का पैसा नहीं है, वे अपने यहां NPS लागू कर सकती हैं.
कर्मचारी संगठनों ने जताई थी नाराजगी : वहीं, वित्त विभाग की ओर से 9 अक्टूबर को आदेश जारी किया गया था, जिसके तहत बोर्ड, निगम, विश्वविद्यालय और स्वायत्त शासी संस्थानों में OPS की जगह NPS लागू करने के आदेश दिए गए थे, जिसे लेकर कर्मचारी संगठनों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया था और जमकर विरोध प्रदर्शन भी किया था. कर्मचारी संगठनों का कहना था कि अभी बोर्ड, निगम और स्वायत्तशासी संस्थानों में एनपीएस लागू करने की बात की गई है. आगे सभी विभागों में इसे लागू किया जाएगा, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. सरकार इन आदेशों को वापस नहीं लेगी तो कर्मचारी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे.





