राजस्थान में सर्दी ने इस बार समय से पहले ही दस्तक दे दी है। उत्तरी भारत से आ रही बर्फीली हवाओं ने तापमान में लगातार गिरावट ला दी है। रविवार की तुलना में सोमवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में ठंड और तेज महसूस हुई। दिन और रात—दोनों समय में तापमान सामान्य से काफी नीचे चला गया। मौसम विभाग ने 18 नवंबर को पांच जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। विभाग ने अगले पांच दिन मौसम शुष्क रहने और सर्दी में राहत न मिलने की संभावना जताई है।
पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश का सबसे कम न्यूनतम तापमान सीकर जिले के फतेहपुर में 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इस रिकॉर्ड ठंड ने नवंबर में ही जनवरी जैसी सर्दी का अहसास करा दिया। इसके अलावा सीकर, झुंझुनूं, नागौर, अजमेर, टोंक और कोटा जिलों में भी शीतलहर का असर सबसे ज्यादा देखने को मिला।
सीकर में न्यूनतम तापमान 5.5, झुंझुनूं में 9.2, नागौर में 5.6, चूरू में 8, बारां में 7.7, जालोर में 7.4, करौली में 7.6, अजमेर में 9.8, भीलवाड़ा में 8.6, टोंक के वनस्थली में 7.9, अलवर में 8, चित्तौड़गढ़ में 8.2, उदयपुर में 8.5 और राजधानी जयपुर में न्यूनतम तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजस्थान की सर्दी का इंडिकेटर माना जाने वाला सीकर और इसका फतेहपुर इलाका लगातार राज्य में सबसे नीचे तापमान दर्ज कर रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार सुबह और देर शाम ठंडी हवाएं इतनी तेज हैं कि सामान्य कामकाज भी प्रभावित होने लगा है।
इस बार ठंड सिर्फ रात में नहीं, बल्कि दिन में भी अच्छी तरह महसूस हो रही है। सोमवार को बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर और फलोदी को छोड़कर सभी शहरों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे रिकॉर्ड किया गया। इससे दिनभर हल्की सर्दी छाई रही और बाजारों में भी इसका असर देखा गया।
करौली और प्रतापगढ़ में अधिकतम तापमान 26.4, भीलवाड़ा में 27, अलवर में 26.6, बारां में 27.2, जैसलमेर में 28.4, डूंगरपुर में 28.3, उदयपुर में 27, चूरू में 29.7, कोटा में 27.3, सीकर में 27, जयपुर और झुंझुनूं में 28.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
सबसे अधिक तापमान बाड़मेर में 32.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो फिलहाल शेष राजस्थान की तुलना में अपेक्षाकृत गर्म बना हुआ है।
मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक उत्तर भारत में सक्रिय ठंडी हवाएं ही राजस्थान के अधिकांश हिस्सों तक पहुंचेंगी। इसके चलते तापमान में और गिरावट संभव है। विभाग ने शीतलहर से प्रभावित क्षेत्रों में सुबह और रात के समय खास सावधानी बरतने की अपील की है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों के लिए।
प्रदेश भर में अलाव जलाने, गर्म कपड़ों की बिक्री बढ़ने और स्कूलों में बच्चों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाने की जरूरत पर भी जोर दिया गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार नवंबर के मध्य में इतनी तेज ठंड पड़ना सामान्य नहीं माना जाता, जो इस बार पश्चिमी विक्षोभ और सूखी उत्तरी हवाओं के संयुक्त प्रभाव के कारण देखने को मिल रहा है।





