मथुरा : बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘हिंदू एकता पदयात्रा’ का आज छठवां दिन है। हरियाणा के पलवल जिले के गांव खटेला सराय में अचानक तबीयत बिगड़ने से धीरेंद्र शास्त्री सड़क पर ही लेट गए। 100 डिग्री से ज्यादा बुखार होने पर डॉक्टर ने दो दिन के आराम की सलाह दी। लेकिन, दवा खाकर थोड़ी देर आराम करने के बाद उन्होंने फिर से यात्रा शुरू कर दी। यह जज्बा देखकर यात्रियों में जोश का संचार हो गया।
घटना के दौरान धीरेंद्र शास्त्री को तुरंत डॉक्टर बुलाया गया। चेकअप में उनका बुखार 100 डिग्री से ऊपर पाया गया। डॉक्टरों ने आराम की सलाह दी, लेकिन शास्त्री ने हार नहीं मानी। दवा लेने के बाद कुछ पल विश्राम के बाद वे फिर पैदल चल पड़े। इस दौरान यात्रा में शामिल भक्तों ने उनका हौसला बढ़ाया। धीरेंद्र शास्त्री ने खुद कहा, ‘यह यात्रा हिंदू एकता के लिए है, बीमारी से रुकना मुमकिन नहीं।’
इससे पहले यात्रा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने आतंकवाद और एकता पर जोरदार बयान दिया था। उन्होंने कहा, ‘हिंदू एक होंगे तो धमाके नहीं होंगे। आतंकवाद की घटनाओं में एक ही कौम के लोगों का नाम क्यों आता है? यह सवाल हर हिंदू के मन में उठना चाहिए। अभी आठ लोग मारे गए हैं, अगर हम एक नहीं हुए तो 80 हजार मर जाएंगे।’ वे बोले, ‘हिंदू एक होने में जितनी देर करेंगे, उतने हिंदू घटते जाएंगे। कई शहरों को दहलाने की साजिश रची गई थी। दंगा भड़काने वाले घर से बाहर न निकलें, इतनी एकता होनी चाहिए। विदेशी ताकतें हमें डराने के लिए ये सब कर रही हैं। हम सब भारतीयों को कदम मिलाकर जवाब देना होगा। दिल्ली ब्लास्ट के बाद हमने पदयात्रा में गीत-संगीत बंद कर दिया है।’
यात्रा में जोश और उत्साह का कोई ठिकाना नहीं। करीब 20 से 25 हजार भक्त पैदल चल रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री को देखने के लिए युवा क्रेन पर चढ़ गए, तो कोई पेड़ पर। जगह-जगह छतों से फूल बरसाए गए, तो क्रेन से पुष्पवर्षा हुई। शास्त्री ने खुद जमीन पर बैठकर भोजन किया और एक बुजुर्ग भक्त के साथ ढोल बजाकर माहौल को हल्का किया। यह नजारा देखकर हर कोई भावुक हो गया।
आज पलवल के तुमसरा गांव से शुरू हुई यात्रा 16 किलोमीटर का सफर तय करेगी। चार दिन बाद, यानी 16 नवंबर को यह वृंदावन पहुंचेगी। यात्रा का मकसद हिंदू समाज को एकजुट करना है, और धीरेंद्र शास्त्री का यह जज्बा इसे और मजबूत बना रहा है। बुखार के बावजूद रुके बिना आगे बढ़ना उनकी निष्ठा को दर्शाता है।





