डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के जयपुर स्थित सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) वार्ड में भीषण आग लगने से आठ मरीजों की मौत हो गई। अधिकारियों ने सोमवार तड़के यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मृतक मरीजों में दो महिलाएं और चार पुरुष थे।

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एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि ट्रॉमा आईसीयू में शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे आग तेजी से फैली और जहरीला धुआं निकला। डॉ. धाकड़ ने बताया कि ट्रॉमा आईसीयू में 11 मरीज थे, जहां आग लगी और फैल गई।

आईसीयू में 24 मरीज थे भर्ती

डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया, “हमारे ट्रॉमा सेंटर में दूसरी मंजिल पर दो आईसीयू हैं, एक ट्रॉमा आईसीयू और एक सेमी-आईसीयू। वहां हमारे 24 मरीज थे, 11 ट्रॉमा आईसीयू में और 13 सेमी-आईसीयू में। ट्रॉमा आईसीयू में शॉर्ट सर्किट हुआ और आग तेजी से फैल गई, जिससे जहरीली गैसें निकलीं।”

ज्यादातर मरीज बेहोशी की हालत में मिले

अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर गंभीर मरीज बेहोशी की हालत में थे। हमारी ट्रॉमा सेंटर टीम, हमारे नर्सिंग ऑफिसर और वार्ड बॉय ने तुरंत उन्हें ट्रॉलियों पर लादकर आईसीयू से बाहर निकाला और जितने मरीजों को हम आईसीयू से बाहर निकाल पाए, उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया। उनमें से छह मरीजों की हालत बेहद गंभीर थी; हमने सीपीआर से उन्हें होश में लाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

सीएम भजनलाल ने किया अस्पताल का दौरा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह ने स्थिति का जायजा लेने के लिए ट्रॉमा सेंटर का दौरा किया।

राजस्थान मंत्री जवाहर सिंह ने कहा, “ICU में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की जानकारी मुख्यमंत्री को मिली और वह स्वयं यहां आए और हम भी आए हैं। घटना दुखद है और जिनका यहां इलाज चल रहा था तो आग लगने के कारण कुछ लोगों की मौत हो गई है। हमारी प्राथमिकता जो 24 लोग थे उनमें से अधिकतर लोगों को बचा लिया गया है। उनका इलाज बेहतर हो और आगे से ऐसी घटना न हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि बेहतर इलाज हो।”

परिवार के सदस्यों को खोने वालों ने क्या कहा?

वहीं, आग में अपने परिवार के सदस्य को खोने वाले एक व्यक्ति का कहना है, “आईसीयू में आग लग गई। उसे बुझाने के लिए कोई उपकरण नहीं था। आग बुझाने के लिए सिलेंडर या पानी तक नहीं था। कोई सुविधा नहीं थी। मेरी मां का निधन हो गया।”

आग में अपने सदस्य को खोने वाले एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “वह मेरी मौसी का बेटा था। वह 25 साल का था और उसका नाम पिंटू था। जब रात 11.20 बजे धुआं निकला, तो हमने डॉक्टरों को बताया कि मरीजों को समस्या हो सकती है। फिर धीरे-धीरे धुआं बढ़ता गया। धुआं बढ़ने पर डॉक्टर और नीचे परिसर में काम करने वाले सभी लोग चले गए। फिर अचानक इतना धुआं हो गया कि हम मरीजों को निकाल नहीं पाए। फिर भी, हमने चार-पांच मरीजों को निकाला। मेरी मौसी का बेटा वहां था। वह ठीक था। वे उसे एक-दो दिन में छुट्टी देने वाले थे।”