संसद के मानसून सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई। विपक्षी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले, बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और अन्य मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग की। दूसरी ओर, सरकार जीएसटी, खनन, खेल आदि से संबंधित विभिन्न विधेयकों पर चर्चा करने वाली है।
राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऑपरेशन सिंदूर के विवरण पर चर्चा की मांग करते हुए कहा कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता। जवाब में, भाजपा के जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार है।
मैं उन कहानियों में विश्वास करती हूँ जो लोगों को छू जाएँ” — सानिया नूरैन
खड़गे ने कहा कि मैंने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। आज तक, आतंकवादियों को पकड़ा या बेअसर नहीं किया गया है। सभी दलों ने सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया। उन्होंने पूछा कि सरकार को हमें बताना चाहिए कि क्या हुआ है। जम्मू-कश्मीर के एलजी ने बयान दिया था कि खुफिया विफलता थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने 24 बार दावा किया है कि संघर्ष विराम केवल उनके हस्तक्षेप के कारण हुआ।
खड़गे को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार सदन में ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा के लिए तैयार है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जिस तरह से भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकवादियों को करारा जवाब दिया, उससे हमने दुनिया को संदेश दिया कि आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि किसी के मन में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि यह सत्र ऑपरेशन सिंदूर का उत्सव है और हम इसे मनाने जा रहे हैं। जो लोग अपने देश और उसकी सेना पर गर्व करते हैं, वे ऑपरेशन सिंदूर की जीत का जश्न ज़रूर मनाएंगे और हम इसी भावना के साथ संसद में प्रवेश कर रहे हैं।
