Explore

Search

November 14, 2025 7:05 am

BRICS पर बेहद सख्त डोनाल्ड ट्रंप……’अमेरिका के हितों को किया जा रहा कमजोर…….

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

अमेरिका की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि ब्रिक्स अमेरिका के हितों को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है, और वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि विश्व मंच पर अमेरिका के साथ उचित व्यवहार हो. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप देशों को अमेरिका और उसके लोगों का फ़ायदा उठाने से रोकने के लिए कोई भी आवश्यक कार्रवाई करेंगे.

राष्ट्रपति को लगता है कि आम तौर पर ब्रिक्स अमेरिका के हितों को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका के हितों को सबसे पहले रखना राष्ट्रपति की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है. राष्ट्रपति के तौर पर वह अपने काम को इसी तरह देखते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं, और वह इन देशों को अमेरिकी हितों को कमजोर करने की कोशिश के रूप में देखते हैं.

रिसर्च: हेल्दी फैट भी सेहत को पहुंचा सकते हैं नुकसान!

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर बारीकी से नजर

6-7 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में ब्राजील द्वारा आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका और नए सदस्यों मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई और इंडोनेशिया के नेता बैठक के लिए एक साथ आए. बता दें कि ट्रंप ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर बारीकी से नजर रख रहे थे, यही वजह है कि उन्होंने खुद एक बयान जारी किया.

कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति को नहीं लगता कि ये देश मजबूत हो रहे हैं. उन्हें लगता है कि ये देश सिर्फ अमेरिका के हितों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. और यह उनके लिए ठीक नहीं है. कोई भी देश चाहे कितना भी मज़बूत या कमजोर क्यों न हो.

अमेरिका विरोधी नीतियों का समर्थन

बता दें कि कैरोलिन लेविट की यह टिप्पणी ट्रंप के ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों का समर्थन करने वाले देशों को कड़ी चेतावनी जारी करने के बाद आई है. ट्रुथ सोशल पर शेयर की गई एक पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों के साथ खुद को जोड़ने वाले किसी भी देश को वस्तुओं पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ़ देना होगा.

10 प्रतिशत का एडिशनल टैरिफ

ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों के साथ खुद को जोड़ने वाले किसी भी देश पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ़ लगाया जाएगा. इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा. ट्रंप के बयान से ब्रिक्स देशों की ओर से बढ़ते विरोध के खिलाफ अमेरिकी प्रशासन के सख्त रुख का संकेत मिलता है. यह प्रतिक्रिया ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक के संयुक्त बयान के बाद आई है, जिसमें टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों को बढ़ाने सहित व्यापार और वित्त से संबंधित कार्यों को एकतरफा लागू करने का विरोध किया गया था.

बयान में कहा गया है, हमने व्यापार और वित्त संबंधी कार्रवाइयों को एकतरफा लागू करने पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसमें टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों को बढ़ाना शामिल है जो व्यापार को विकृत करते हैं और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के अनुरूप नहीं हैं.

ब्रिक्स सदस्यों ने दिखाया लचीलापन

बयान में आगे कहा गया है कि इस परीक्षण के माहौल में, ब्रिक्स सदस्यों ने लचीलापन दिखाया है और डब्ल्यूटीओ के साथ गैर-भेदभावपूर्ण, खुले, निष्पक्ष, समावेशी, न्यायसंगत, पारदर्शी और नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को सुरक्षित रखने और मजबूत करने के लिए आपस में और अन्य देशों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे, व्यापार युद्धों से बचेंगे जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी में डाल सकते हैं या सुस्त विकास को और बढ़ा सकते हैं.

कुल मिलाकर, ब्रिक्स राष्ट्र – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका, साथ ही कई अन्य विकासशील देश जो पिछले कुछ वर्षों में ब्रिक्स में शामिल हुए हैं. दुनिया की आबादी का लगभग आधा हिस्सा और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा हैं. ब्रिक्स समूह अब वैश्विक व्यापार और निवेश प्रवाह का लगभग एक चौथाई हिस्सा है.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर