auruhana2.kz
autokolesa.kz
costacoffee.kz
icme2017.org
kenfloodlaw.com
Vavada
Chicken Road
카지노 사이트 추천
betify

Explore

Search

August 24, 2025 3:09 pm

मगर क्यों……’246 भारतीय पाकिस्तान की जेलों में सड़ रहे हैं!

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

246 Indians in Pakistan jail: जब दो देश जंग के मुहाने पर खड़े हों और एक-दूसरे को दुश्मन की नजरों से देखें, तब अगर खबर आए कि दुश्मन देश की जेलों में आपके देश के 246 नागरिक बंद हैं, तो क्या आप चैन से सो पाएंगे? भारत और पाकिस्तान के बीच जारी इस तनावपूर्ण रिश्ते में एक बार फिर वही चेहरा सामने आया है – कैदियों की सूची, जो हर साल दो बार आदान-प्रदान की जाती है। मगर इस बार की लिस्ट में जो कुछ सामने आया है, उसने न केवल कूटनीतिक गलियारों में सनसनी फैलाई है, बल्कि आम भारतीय नागरिकों के दिलों में आक्रोश की चिंगारी भी सुलगा दी है।

भारत सरकार ने एक चौंकाने वाली जानकारी साझा की है – पाकिस्तान की जेलों में इस वक्त 246 भारतीय नागरिक बंद हैं, जिनमें से 53 आम नागरिक हैं और 193 मछुआरे। इनमें से कई ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है। कई ऐसे हैं, जिन्हें कानूनी मदद तक नहीं मिली। और कुछ तो ऐसे हैं, जिनकी जेल की चारदीवारी ही अब उनका ‘घर’ बन गई है!

डॉक्टर से जानें: ज्यादा पानी पीना भी नुकसानदायक! रोज कितने लीटर पीना चाहिए……

हर साल लिस्ट आती है, लेकिन इंसाफ कब मिलेगा?

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2008 में ‘दूतावास पहुंच समझौता’ हुआ था। इसके तहत हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को दोनों देश एक-दूसरे को ये जानकारी देते हैं कि उनकी जेलों में दूसरे देश के कितने नागरिक बंद हैं। लेकिन सवाल ये है कि ये ‘कागज़ी आदान-प्रदान’ कब तक चलेगा? भारत ने अब तक कई बार कहा है कि मानवीय मुद्दों को राजनीतिक दुश्मनी से ऊपर रखा जाना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान इस पर हर बार या तो आंखें मूंद लेता है या कान बंद कर लेता है।

159 भारतीयों की सजा पूरी – फिर अब तक जेल में क्यों?

भारत सरकार ने इस बार बेहद कड़े लहजे में पाकिस्तान से कहा है कि जिन 159 भारतीयों की सजा पूरी हो चुकी है, उन्हें फौरन रिहा किया जाए। सरकार ने ये भी बताया कि पाकिस्तान अब तक 26 कैदियों को काउंसलर एक्सेस यानी दूतावासीय संपर्क की भी इजाज़त नहीं दे रहा है। कानून के मुताबिक, जब कोई विदेशी नागरिक किसी देश की जेल में होता है, तो उसके दूतावास को संपर्क का पूरा अधिकार होता है। लेकिन पाकिस्तान न सिर्फ इस अधिकार का उल्लंघन कर रहा है, बल्कि इसे रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल भी कर रहा है।

भारत ने निभाई इंसानियत, पाकिस्तान कब सीखेगा?

भारत सरकार ने बताया है कि 2014 से अब तक पाकिस्तान से 2,661 मछुआरे और 71 आम नागरिक भारत लौट चुके हैं। सिर्फ 2023 से अब तक 500 मछुआरे और 13 नागरिकों को वापस लाया गया है। यानी भारत मानवीय दृष्टिकोण से हमेशा आगे रहा है, लेकिन पाकिस्तान…? अब भारत का सब्र जवाब दे रहा है।

कैदियों का दर्द: घर से दूर, जुर्म बिना सज़ा

सोचिए, किसी गरीब मछुआरे का बेटा गलती से सीमा पार कर जाए, और वहां उसे जासूस समझकर पकड़ लिया जाए। सोचिए, किसी मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की गाड़ी भटक कर सीमा पार चली जाए, और उसे जेल की अंधेरी कोठरी में डाल दिया जाए। ऐसे कितने ही भारतीय पाकिस्तान की जेलों में बिना जुर्म के सालों से सड़ रहे हैं। ये सिर्फ कूटनीति की बात नहीं है, ये इंसानियत का सवाल है।

भारत की दो टूक चेतावनी: अब और नहीं!

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को दो टूक कह दिया है – “आप जिन भारतीयों को बिना वजह कैद करके रखे हुए हैं, उन्हें छोड़िए। जिन्हें अब तक काउंसलर एक्सेस नहीं दिया गया है, उन्हें तुरंत मिलने दीजिए। और जब तक ये नहीं होता, तब तक उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा की पूरी ज़िम्मेदारी आपकी है।” भारत ने ये भी बताया कि उसने भी 80 पाकिस्तानी कैदियों की नागरिकता पुष्टि के लिए फॉर्म भेजे हैं, लेकिन पाकिस्तान अभी तक जवाब नहीं दे रहा। यानी एक बार फिर – पाकिस्तान की ‘ढुलमुल नीति’ और ‘राजनीतिक चालें’ इंसानियत पर भारी पड़ रही हैं।

हर बार आंकड़े बदलते हैं, लेकिन दर्द वही रहता है

हर साल की शुरुआत और बीच में जब ये लिस्ट आती है, तो कुछ नाम जुड़ जाते हैं, कुछ छूट जाते हैं। लेकिन जो नहीं बदलता, वो है – इन कैदियों की आंखों में उम्मीद, घरवालों की आंखों में आंसू और दोनों देशों की जेलों की दीवारों पर गूंजता सन्नाटा।

अब वक्त है… आंकड़े नहीं, इंसाफ की बात हो!

सरकारों के बीच जितनी भी दुश्मनी हो, मगर उन निर्दोष कैदियों को सजा क्यों मिले जो सिर्फ वक्त और सरहद के खेल में फंस गए? भारत ने अपना संदेश साफ कर दिया है – “अब आंखों में धूल नहीं झोंकी जाएगी। पाकिस्तान को हर हाल में इंसाफ देना ही होगा।” और अब सवाल उठता है – क्या पाकिस्तान अपने ‘आतंक और चालबाज़ी’ वाले चेहरे को छोड़कर इंसानियत का रास्ता अपनाएगा? या फिर हर साल कैदियों की ये लिस्ट यूं ही एक काला दस्तावेज बनकर आती रहेगी… और जिंदगी इन बेजुबानों से चुपचाप छीनी जाती रहेगी?

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
ligue-bretagne-triathlon.com
pin-ups.ca
pinups.cl
tributementorship.com
urbanofficearchitecture.com
daman game login