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August 25, 2025 11:06 pm

पड़ोसी देशों को लेकर चीन और पाकिस्तान रच रहे खतरनाक साजिश……’भारत को घेरने की नई प्लानिंग!

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भारत की अपने पड़ोसी देशों के साथ चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है. हालांकि भारत इन चुनौतियों का सामना करने को लेकर पूरी तरह से अलर्ट है. अब पाकिस्तानी मीडिया में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान और चीन अब सार्क (Saarc) की जगह एक नया क्षेत्रीय ब्लॉक बनाने को लेकर काम कर रहे हैं. भारत सार्क का एक अहम सदस्य रहा है, लेकिन अभी ये एक तरह से निष्क्रिय संगठन हो गया है.

पाकिस्तान के द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस्लामाबाद और बीजिंग के बीच क्षेत्रीय ब्लॉक पर बातचीत एडवान्स्ड लेवल पर है. रिपोर्ट के अनुसार, 19 जून को चीन के कुनमिंग में नए क्षेत्रीय ब्लॉक बनाने को लेकर एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें बांग्लादेश भी शामिल हुआ था.

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19 जून को चीनी शहर में मिले थे तीनों पड़ोसी

कराची स्थित द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया, “19 जून को कुनमिंग में हुई बैठक का अंतिम लक्ष्य अन्य दक्षिण एशियाई देशों को, जो सार्क का हिस्सा थे, नए समूह में शामिल होने के लिए न्योता देना था.” इससे पहले कुनमिंग में मई में भी बैठक हुई थी.

तब इसी तरह चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच त्रिपक्षीय बैठक हुई, जिसमें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का विस्तार करने तथा तालिबान शासित इस्लामिक अमीरात में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था.

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (Saarc) का गठन 8 दिसंबर, 1985 को बांग्लादेश के ढाका में चार्टर को अपनाने के माध्यम से किया गया था. इसके 7 संस्थापक सदस्य थे. अफगानिस्तान बाद में साल 2007 में इस संगठन में शामिल हुआ था.

क्या निष्क्रिय हो गया SAARC

सार्क संगठन 2016 से ही निष्क्रिय बना हुआ है. जबकि सार्क के नेता 2014 के काठमांडू शिखर सम्मेलन के बाद से ही आपस में नहीं मिले हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने COVID-19 इमरजेंसी फंड का प्रस्ताव करने के लिए 2020 में पहली बार SAARC वीडियो कॉन्फ्रेंस की शुरुआत की. उन्होंने भारत के योगदान के रूप में 10 मिलियन डॉलर देने का वादा किया था.

इससे बाद SAARC का 19वां शिखर सम्मेलन उसी साल नवंबर में इस्लामाबाद में आयोजित होने वाला था, लेकिन भारत ने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित उड़ी आतंकी हमले की वजह से सम्मेलन के बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया, इस आतंकी हमले में 17 भारतीय सैनिक मारे गए थे.

फिर अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी आतंकवाद और क्षेत्रीय हस्तक्षेप की चिंताओं का हवाला देते हुए इस संगठन से दूर होते चले गए. शिखर सम्मेलन को रद्द करना पड़ गया, और तब से लेकर इसका आयोजन की तारीख तय नहीं हो सकी.

बांग्लादेश का किसी बैठक में शामिल होने से इनकार

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान और चीन दोनों “इस बात पर आश्वस्त हैं कि क्षेत्रीय एकीकरण और संपर्क के लिए एक नया संगठन वक्त की मांग है”. इसमें आगे कहा गया है कि श्रीलंका, मालदीव और अफगानिस्तान जैसे सार्क के अन्य सदस्य देशों के भी नए समूह का हिस्सा बनने की उम्मीद है.

हालांकि बांग्लादेश की ओर से ढाका, बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच किसी उभरते गठबंधन के विचार को खारिज कर दिया गया है. उसका कहना है कि चीन के कुनमिंग में तीनों देशों के बीच बैठक “राजनीतिक” नहीं थी.

भारत को भी न्यौता देंगे चीन और पाक!

19 जून को चीन के कुनमिंग में हुई बैठक के बारे में पूछे जाने पर ढाका के विदेश मामलों के सलाहकार एम तौहीद हुसैन ने कहा, “हम कोई गठबंधन नहीं बना रहे हैं. यह आधिकारिक स्तर पर बैठक थी, राजनीतिक स्तर पर नहीं.” उन्होंने कहा कि “किसी गठबंधन के गठन का कोई तत्व ही नहीं है.”

रिपोर्ट में राजनयिक सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया है कि भारत को भी नए समूह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा, हालांकि नई दिल्ली की ओर से सकारात्मक जवाब मिलने की संभावना नहीं है.

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