इंदौर, 30 मई 2025 – विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में जिम्मी एंड जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा जन-जागरूकता सप्ताह की शुरुआत शुक्रवार को इंदौर स्थित जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट में की गई। इस वर्ष का थीम है – “प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ सामूहिक प्रयास।”
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रतिष्ठित समाजसेवी और पर्यावरणविद् डॉ. जनक पलटा मगिलिगन ने अपनी प्रार्थना से किया। उन्होंने बताया कि 1992 में रियो डी जेनेरियो की अर्थ समिट से मिली प्रेरणा ने उनके जीवन की दिशा बदल दी। उन्होंने अपने कार्यों से प्लास्टिक मुक्त और ज़ीरो वेस्ट मॉडल को साकार करते हुए न केवल जिम्मी मगिलिगन सेंटर बल्कि आस-पास के क्षेत्रों में भी पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाई।
डॉ. मगिलिगन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणास्वरूप अपने गाँव में स्वच्छता अभियान चलाया और शादियों में स्टील के बर्तन और दोना-पत्तल को बढ़ावा दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि परिवर्तन केवल व्यक्तिगत प्रयास से नहीं बल्कि सामूहिक भागीदारी से संभव होता है।
कार्यक्रम में डॉ. भरत रावत ने एक शोध का हवाला देते हुए बताया कि भारत में प्लास्टिक से जुड़ी जीवनशैली के कारण हार्ट अटैक जैसी बीमारियों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्रतिस्पर्धा की भावना से प्रेरित होकर अनावश्यक ऑनलाइन शॉपिंग न करें और पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदारी निभाएँ।
IIT दिल्ली के पूर्व छात्र और पर्यावरणविद् अजय कुमार ने रोचक खेलों के ज़रिए प्लास्टिक प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को समझाया। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे प्रयास, जैसे ऑनलाइन शॉपिंग से परहेज़ और पुन: उपयोग योग्य वस्तुओं का प्रयोग, बड़े बदलाव का आधार बन सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता शील कुमार ने प्लास्टिक प्रदूषण को आज की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए हर नागरिक से ज़िम्मेदारी लेने का आग्रह किया। मुख्य अतिथि पोस्टमास्टर जनरल प्रीति अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने भी जनक दीदी से प्रेरणा लेकर अपने ऑफिस में प्लास्टिक बुके की जगह पौधों का उपयोग शुरू किया।
कार्यक्रम में संगीत गुरुकुल, इंदौर के विद्यार्थियों ने पंडित गौतम काले के निर्देशन में भक्ति संगीत की मनोहारी प्रस्तुति दी। समापन सत्र में वीरेंद्र गोयल ने सभी उपस्थितों को ऑनलाइन शॉपिंग और प्लास्टिक पैक खाद्य सामग्री से दूरी बनाने का संकल्प दिलाया।
