विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत की कार्रवाई के बाद साफ हो गया था कि सीजफायर (गोलीबारी रोकने) की मांग किसने की. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना को टारगेट नहीं किया गया था, लेकिन उन्होंने खुद ही लड़ाई में कूदने का गलत फैसला लिया और उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी. एस जयशंकर ने बताया कि आतंकी ठिकानों पर हमले से पहले पाकिस्तान को आगाह किया था. भारत ने जब पाकिस्तान की सेना को सीधे निशाना नहीं बनाया, तो उनके पास लड़ाई से दूर रहने का विकल्प था. लेकिन उन्होंने वह रास्ता नहीं चुना और भारत ने जब सटीक हमले किए तो उन्हें बातचीत के लिए मजबूर होना पड़ा.
जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद जो सैटेलाइट तस्वीरें सामने आईं, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत ने कितनी सटीक और गंभीर क्षति पहुंचाई. वहीं पाकिस्तान की ओर से भारत को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा. उन्होंने कहा, “जो लोग 7 मई को पीछे हटने को तैयार नहीं थे, वही 10 मई को बातचीत के लिए तैयार हो गए. इससे साफ है कि गोलीबारी रोकने की पहल किसने की.”
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US ट्रंप के दावे पर क्या बोले जयशंकर?
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति कायम कराई. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जयशंकर ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता पहले से चल रही है. ये जटिल बातचीत होती है और जब तक सब तय न हो जाए, कुछ भी तय नहीं माना जा सकता.”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी व्यापार समझौते की शर्त यह होनी चाहिए कि वह दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो. उन्होंने यह कहते हुए ट्रंप के दावे को अलग-थलग छोड़ दिया कि ऐसे किसी सौदे के साथ युद्धविराम को जोड़ना अनुचित और असत्य है.
