जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मौत 20 लोगों के घायल होने के लिए द रेजिस्टेंट फोर्स (टीआरएफ)नाम का आतंकी संगठन जिम्मेदार है. यह भी एक पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन है जो एक और पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है.
ऐसे एक-दो नहीं, कई आतंकवादी संगठन हैं, जिनकी सूची केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी की है. आइए जान लेते हैं कि भारत में कितने आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं और इनमें से कितनों का कनेक्शन पाकिस्तान के साथ है?
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी की है लिस्ट
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसी साल मार्च (मार्च 2025) में देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले 67 प्रतिबंधित संगठनों की नई लिस्ट जारी की थी. गृह मंत्रालय ने अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए)-1967 के तहत इन संगठनों को आतंकी या फिर गैरकानूनी घोषित किया है. इस लिस्ट में 45 संगठनों को आतंकी संगठन बताया गया. 22 संगठन ऐसे हैं, जिनको गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी संगठन घोषित किया है.
बब्बर खालसा इंटरनेशनल
इन प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों में सबसे पहला नाम है बब्बर खालसा इंटरनेशनल का. साल 1978 में बनाया गया बब्बर खालसा इंटरनेशनल एक चरमपंथी समूह है, जिसका गठन खालिस्तान की मांग को लेकर किया गया था. हाल ही में सामने आया है कि पंजाब में हुए आतंकवादी हमलों के लिए यही आतंकी संगठन जिम्मेदार है और इसका संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से है.
एफबीआई ने किया खुलासा
यह खुलासा किसी भारतीय एजेंसी की जांच में नहीं हुआ है, बल्कि अमेरिका की जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस (आईएसआई) को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. यह पहली बार है कि जब आईएसआई का सीधे-सीधे खालिस्तानी आतंकवादियों से कनेक्शन बताया गया है.
दरअसल, अमेरिका में एफबीआई और इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीई) के अफसरों ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो कथित रूप से भारत में वांछित था. उस पर पंजाब समेत भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप है. एफबीआई ने जांच की तो पता चला कि वह व्यक्ति पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के साथ काम कर रहा था.
आतंकी और प्रतिबंधित संगठनों की सूची में ये नाम भी शामिल
बब्बर खालसा इंटरनेशनल के अलावा आतंकवादी और प्रतिबंधि संगठनों की सूची में खालिस्तान कमांडो फोर्स, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन, लश्कर-ए-तैयबा/पसबन-ए-अहले हदीस, जैश-ए- मोहम्मद, हरकत उल मुजाहिदीन, हिज्ब उल मुजाहिदीन, हिज्ब उल मुजाहिदीन, अल उमर मुजाहिदीन, जम्मू एंड कश्मीर इस्मालिक फ्रंट, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड इन असम, पीपल्स लिबरेशन आर्मी के नाम शामिल हैं.
यूएन की लिस्ट में शामिल संगठन भी आतंकियों की सूची में
इस लिस्ट में यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट, पीपल्स रीवॉल्यूशन पार्टी ऑफ कांग्लीपाक, कांग्लीपाक कम्युनिस्ट पार्टी, कांग्लेई याओल कान्बा लुप, मणिपुर पीपल्स लिबरेशन फ्रंट, ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स, नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम (एलटीटीई), स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी), दीनदार अंजुमन, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) और इसके सभी तरह के फ्रंट संगठन, माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर और इसके सभी तरह के फ्रंट संगठन, अल बद्र, जमीयत उल मुजाहिदीन, अलकायदा, दुखतरन ए मिल्लत आदि के नाम भी हैं.
तमिलनाडु लिबरेशन आर्मी, तमिल नेशनल रिट्राइवल ट्रूप्स, अखिल भारत नेपाली एकता समाज, यूनाइटेड नेशंस प्रिवेंशन एंड सप्रेशन ऑफ टेरोरिज्म ऑर्डर 2007 में शामिल सभी संगठनों की सूची को भी गृह मंत्रालय ने अपनी लिस्ट में शामिल किया है. इनके अलावा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी), इंडिया मुजाहिदीन, गारो नेशनल लिबरेशन आर्मी, कमतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन, इस्लामिक स्टेट, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड, द खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, तहरीक उल मुजाहिदीन, जमात उल मुजाहिदीन इंडिया, बांग्लादेश जैसे संगठन भी इस लिस्ट में शामिल किए गए हैं.
पाकिस्तान से संबंध या पाकिस्तान प्रायोजित
आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन, अलकायदा आदि का तो सीधा-सीधा संबंध पाकिस्तान के साथ है. इनके अलावा इस्लामिक स्टेट, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम, सीपीआई माओवादी, एलटीटीई और जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश जैसे संगठन भी भारत में आतंकवादी हमलों, उग्रवाद और हिंसक गतिविधियों को अंजाम देते रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दावा किया है कि प्रतिबंधित आतंकी समूहों में से आधों का आधार या तो पाकिस्तान में है या फिर इनका नेतृत्व पड़ोसी देश पाकिस्तान से किया जाता है. ज्यादातर आतंकवादी संगठन और उनकी गतिविधियां पाकिस्तान से प्रायोजित होते हैं
टीआरएफ का सीधा संबंध पाकिस्तान से
पहलगाम हमले में शामिल द रेजिस्टेन्स फ्रंट (टीआरएफ) का सीधा संबंध पाकिस्तान से है. यह आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा से सीधे-सीधे जुड़ा है. भारतीय गृह मंत्रालय के अनुसार, टीआरएफ का गठन 2019 में किया गया था. यह आतंकवादी संगठन पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता है. आतंकवादियों की भर्ती, घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों व नशीले पदार्थों की तस्करी भी टीआरएफ करता है. इन सबको देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साल 2023 में टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था. यह संगठन जम्मू-कश्मीर में अब तक कई वारदातों को अंजाम दे चुका है. पहलगाम हमला इसकी सबसे बड़ी कायराना करतूत है.
कश्मीरियों को भड़काता है टीआरएफ
टीआरएफ के जरिए अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान कश्मीरियों को भारत के खिलाफ भड़काता है. इसके लिए टीआरएफ के आतंकवादी सोशल मीडिया मंचों और ऑनलाइन मैसेंजर्स का जमकर इस्तेमाल करते हैं. कश्मीरी युवाओं का ब्रेनवॉश करते हैं. उनके मन में भरते हैं कि भारत उनका दुश्मन है. भारत के खिलाफ उनको आतंकवाद की जंग लड़ने के लिए उकसाते हैं. इसी भड़कावे में आकर कई कश्मीरी युवा बंदूक थाम लेते हैं.
सरकार करती है कार्रवाई
आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई निरंतर चलती रहती है. सरकार इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही इनकी संपत्तियां जब्त कर सकती है. इनका वित्तीय लेन-देन रोका जा सकते है, जो आमतौर पर सरकार करती ही है. इन संगठनों के सदस्यों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होती है.
