अगर आप टैक्स-सेविंग्स करना चाहते हैं तो यह काम आपको 31 मार्च से पहले कर लेना होगा। तभी आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कर सकेंगे। हालांकि, ये डिडक्शन इनकम टैक्स की सिर्फ पुरानी रीजीम में उपलब्ध हैं। अगर आप ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप निम्नलिखित इनवेस्टमेंट ऑप्शंस में इनवेस्टमेंट कर सकते हैं।
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पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
यह सेक्शन 80सी के तहत आने वाला सबसे अट्रैक्टिव टैक्स-सेविंग्स इनवेस्टमेंट ऑप्शन है। PPF का इंटरेस्ट रेट अभी 7.1 फीसदी है, जो दूसरी स्कीमों के इंटरेस्ट रेट से ज्यादा है। सरकार हर तीन महीने पर इंटरेस्ट रेट की समीक्षा करती है। आप पीपीएफ में 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
यह स्कीम ऐसे मातापिता के लिए है, जिनकी बेटियां हैं। मातापिता अपनी दो बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि अकाउं ओपन कर सकते हैं। इसका इंटरेस्ट रेट 8.2 फीसदी है, जो पीपीएफ से ज्यादा है। इस अकाउंट में न्यूनतम 250 रुपये निवेश करना होगा। इस स्कीम में मिलने वाला इंटरेस्ट टैक्स-फ्री है। मातापिता 10 साल से कम उम्र की दो बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि अकाउंट ओपन कर सकते है।
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में न्यूनतम 1,000 रुपये का निवेश जरूरी है। इसका इंटरेस्ट रेट 7.7 फीसदी है। एनएससी की अवधि 5 साल होती है। उसके बाद यह अकाउंट मैच्योर हो जाता है। जो लोग ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते, वे इस सर्टिफिकेट को खरीद कर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम
60 साल से ज्यादा उम्र के लोग सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम में निवेश कर सकते हैं। इसका लॉक-इन पीरियड 5 साल है। इसमें 1,000 रुपये लेकर 30 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है। लेकिन, डिडक्शन सेक्शन 80सी की 1.5 लाख रुपये की लिमिट तक ही क्लेम किया जा सकता है। इसका इंटरेस्ट 8.2 फीसदी है।
5 साल का टैक्स-सेविंग्स बैंक डिपॉजिट
बैंक में 5 साल का डिपॉजिट कर आप डिडक्शन का दावा कर सकते हैं। यह बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट जैसा है। इसमें सिर्फ 5 साल का लॉक-इन पीरियड जुड़ा होता है। इसका मतलब है कि आप 5 साल से पहले अपना पैसा नहीं निकाल सकते।
6 म्यूचुअल फंड की टैक्स सेविंग्स स्कीम
अगर आप थोड़ा रिस्क ले सकते हैं तो आप म्यूचुअल फंडों की टैक्स-सेविंग्स स्कीम में निवेश कर सकते हैं। इसमें लॉक-इन पीरियड सिर्फ 3 साल है। इसका रिटर्न सेक्शन 80सी के तहत आने वाले दूसरे इनवेस्टमेंट ऑप्शन के मुकाबले अट्रैक्टिव है।






