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October 15, 2025 7:32 pm

जानें मामला: ‘किस मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं’, सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को लगाई कड़ी फटकार…….

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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी घोषित किए गए लोगों को निर्वासित नहीं करने पर असम सरकार को कड़ी फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से पूछा कि क्या वह उन 63 विदेशी लोगों को निर्वासित करने के लिए किसी “मुहूर्त” (शुभ समय) का इंतजार कर रही है।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने असम सरकार से राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को अपडेट करने की प्रक्रिया के दौरान विदेशी घोषित किए गए लोगों को निर्वासित करने को कहा।

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सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को लगाई फटकार

न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि असम तथ्यों को दबा रहा है, जिस पर भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि उन्होंने सर्वोच्च प्राधिकारी से बात की है और “कुछ कमियों” के लिए माफी मांगी है। न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि हम आपको झूठी गवाही का नोटिस जारी करेंगे। आपको सफ़ाई देनी होगी। हालाँकि राज्य के वकील ने कहा कि “छिपाने का कोई इरादा नहीं है”।

किसी को हमेशा के लिए हिरासत में नहीं रख सकतेः कोर्ट

इसके बाद, न्यायमूर्ति भुइयां ने पूछा, “एक बार जब आप किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित कर देते हैं, तो आपको अगला तार्किक कदम उठाना चाहिए। आप उन्हें हमेशा के लिए हिरासत में नहीं रख सकते। असम में कई विदेशी हिरासत केंद्र हैं। आपने कितनों को निर्वासित किया है?” इसके बाद पीठ ने असम सरकार को अवैध अप्रवासियों को तुरंत निर्वासित करने का निर्देश दिया।

राज्य की इस प्रतिक्रिया को खारिज करते हुए कि उनके देशों में विदेशियों के पते ज्ञात नहीं थे, न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि आप उन्हें उनकी देश की राजधानी में निर्वासित कर दें। मान लीजिए कि वह व्यक्ति पाकिस्तान से है, तो आप पाकिस्तान की राजधानी को जानते हैं? उन्हें यह कहकर यहीं हिरासत में नहीं रखें कि उनका विदेशी पता ज्ञात नहीं है? पीठ ने कहा कि विदेशियों को तुरंत निर्वासित किया जाना चाहिए।

कोर्ट ने पूछा ये सवाल

न्यायमूर्ति ओका ने कहा, ”आप उनकी नागरिकता की स्थिति जानते हैं। फिर आप उनका पता मिलने तक कैसे इंतज़ार कर सकते हैं? यह दूसरे देश को तय करना है कि उन्हें कहां जाना चाहिए। उन्होंने असम से यह भी पूछा कि उसने प्रक्रिया को पूरा करने में मदद मांगने के लिए विदेश मंत्रालय को एक प्रस्ताव क्यों नहीं सौंपा।

Seema Reporter
Author: Seema Reporter

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