TDS Limit: आम बजट 2025 में मोदी सरकार ने टीडीएस के मोर्चे पर कई बदलाव किए हैं, जिन्हें बारीकी से समझना बेहद जरूरी है। सरकार ने किराए की प्रॉपर्टी से अर्जित इनकम लिमिट को सालाना ढाई से बढ़ाकर छह लाख किया है, लेकिन इसमें ध्यान देने योग्य बात यह है कि इसमें मासिक 50 हजार रुपये की लिमिट भी लगा दी है। उधर, वित्त मंत्री ने टीडीएस लिमिट में अन्य तरह के भी बदलाव किए हैं, जिससे बीमा एजेंट, शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों, ब्रोकरेज फर्म संचालित करने वालों और तकनीकी सेवा देने वाले लोगों को लाभ होगा।
सालाना छह लाख रुपये किराए से आय पर टीडीएस नहीं
सीए विनीत राठी कहते हैं कि लोग किराए से अर्जित आय पर टीडीएस काटने को लेकर की गई व्यवस्था को समझने में थोड़ी गड़बड़ी कर रहे हैं। लोगों को लगता है कि उन्हें अगर सालाना छह लाख रुपये किराए से आय के रूप में मिलेगा तो उस पर टीडीएस नहीं कटेगा। एक तरह से यह सही है, लेकिन महीने में 50 हजार से ऊपर का भुगतान होगा है तो उस पर टीडीएस काटना होगा। ऐसे में लोगों कहेंगे कि अगर 50 हजार रुपये महीना मिलेंगे तभी तो यह धनराशि साल में छह लाख रुपये बैठेंगे।
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इसे तकनीकी रूप से समझने की जरूरत है। दरअसल कुछ प्रॉपर्टी साल भर के लिए नहीं ली जाती हैं। अब अगर आठ से 10 महीने के लिए अपनी किसी प्रॉपर्टी को किराए पर देते हैं और किराया छह लाख रुपये निर्धारित किया जाता है।
10 महीने के लिए निर्धारित 6 लाख के किराए को 10 किस्तों में बांटा जाएगा तो हर महीने संपत्ति के मालिक को 60 हजार का किराए मिलेगा। ऐसी स्थिति में मासिक किराया 50 हजार से ऊपर होने पर टीडीएस काटा जाएगा। इसलिए किराए का भुगतान करते वक्त मासिक सीमा का ध्यान रखना जरूरी होगा।
टीडीएस के लिहाज से लिए गए अन्य फैसले
– प्रतिभूतियों पर ब्याज पर टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 10 हजार रुपये की गई
– डिविडेंड पर टीडीएस छूट पांच हजार से बढ़ाकर 10 हजार की गई
– म्यूचुअल फंड और कंपनी की हिस्सेदारी से पांच हजार से अधिक की धनराशि पर टीडीएस सीमा बढ़ाकर 10 हजार की गई
– बीमा एजेंटों के लिए कमीशन पर टीडीएस सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये की गई।
– ब्रोकरेज पर कमीशन की सीमा 15 हजार बढ़ाकर 20 हजार रुपये की गई।
– तकनीकी सेवा से मिलने वाली धनराशि पर सीमा 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार की गई।