अगर आप उन निवेशकों में से हैं जो निवेश की सुरक्षा और गारंटीड रिटर्न चाहते हैं तो भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं में से एक नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, आपके लिए बेहद आकर्षक स्कीम साबित हो सकती है। चूकि यह केंद्र की बचत योजना है तो आपको इसमें एक तय समय में गारंटीड रिटर्न भी मिल जाता है और निवेश किए गए आपके पैसे पूरी तरह सुरक्षित भी रहते हैं। नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट यानी एनएससी के तहत आप पोस्ट ऑफिस या बैंक में चाहे जितनी मर्जी हो उतने अकाउंट ओपन करा सकते हैं।
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कौन खोल सकता है एनएससी अकाउंट
इंडिया पोस्ट की ऑफिशियल बेबसाइट के मुताबिक, एक वयस्क व्यक्ति अकाउंट खोल सकता है। साथ ही तीन वयस्क मिलकर ज्वाइंट अकाउंट भो खोल सकते हैं। इसके अलावा, नाबालिग या मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की ओर से अभिभावक भी इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं। अगर कोई नाबालिग 10 साल से अधिक आयु का है तो वह अपने नाम से भी नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम में निवेश कर सकता है। इंडिया पोस्ट की ऑफिशियल बेबसाइट के मुताबिक, उदाहरण के लिए अगर आप एनएससी अकाउंट में अगर आप 10,000 रुपये निवेश करते हैं तो मेच्योरिटी पर यह ₹14,490 बन जाते हैं।
कितना तक कर सकते हैं निवेश
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट अकाउंट में न्यूनतम 1000 रुपये और 100 रुपये के मल्टीपल में रकम जमा कर सकते हैं। इसमें निवेश रकम की कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है। योजना के तहत किसी भी संख्या में खाते खोले जा सकते हैं। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इस अकाउंट में जमाराशि आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स कटौती के लिए योग्य है। एक और जरूरी बात यह ध्यान रहे कि जमा की तारीख से पांच वर्ष पूरे होने पर जमा राशि परिपक्व (मेच्योर) हो जाएगी। नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट अकाउंट में जमा रकम पर फिलहाल 7.7% वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज मिल रहा है, जो मेच्योरिटी पर देय है।
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को अकाउंट कर सकते हैं ट्रांसफर
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट अकाउंट में एक अहम बात यह है कि विशेष परिस्थिति में इसे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को खाते का ट्रांसफर किया जा सकता है। ऐसा खाताधारक की मृत्यु पर नॉमिनी/कानूनी वारिस को, खाताधारक की मृत्यु पर संयुक्त धारक या धारकों को और कोर्ट के आदेश पर किया जा सकता है।
समय से पहले बंद कब हो सकता है अकाउंट
एनएससी को 5 वर्ष से पहले समय से पहले बंद नहीं किया जा सकता है। हां, सिर्फ तीन परिस्थितियों- सिंगल अकाउंट होल्डर की मृत्यु पर, या ज्वाइंट अकाउंट होल्डर्स में किसी या सभी खाताधारकों की मृत्यु पर, राजपत्रित अधिकारी द्वारा गिरवी रखे जाने पर और कोर्ट के आदेश पर अकाउंट को बंद किया जा सकता है।