रियाद: सऊदी अरब में भारी बारिश और बाढ़ के चलते मक्का, रियाद, जेद्दा और मदीना जैसे बड़े शहरों में में रेड अलर्ट जारी किया गया है। सऊदी के बड़े हिस्से में सोमवार से बारिश शुरू हुई है, इसके बुधवार तक जारी रहने की उम्मीद है। तेज हवाओं और ओलावृष्टि के साथ भारी बारिश ने आम जनजीवन पटरी से उतर गया है। सऊदी अरब के मौसम में बीते कुछ वर्षों महीनों में काफी ज्यादा बदलाव आए हैं। एक तरफ हजारों साल से रेतीली जमीन में हरी घास उग रही है तो दूसरी ओर बूंदाबांदी को तरसने वाले शहर भारी बारिश और बाढ़ का सामना कर रहे हैं। मौसम वैज्ञानिक इस बदलाव के पीछे जलवायु परिवर्तन को मान रहे हैं। वहीं कुछ लोग इसे पैगंबर मोहम्मद की भविष्यवाणी का सच होना मान रहे हैं।
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सऊदी के नेशनल मेट्रोलॉजिकल सेंटर ने कई शहरों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। रियाद, मक्का, अल-बाहा और तबुक क्षेत्र खराब मौसम का सामना कर रहा है। मदीना में भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने पूरे क्षेत्र में व्यवधान किया है। मक्का में आपदा प्रबंधन केंद्र ने अलर्ट जारी किया है। मौसम में बदलाव एक बड़े तूफानी सिस्टम का हिस्सा है जिसने पहले ही क्षेत्र में काफी व्यवधान पैदा कर दिया है।
क्या ये कयामत की निशानी?
सऊदी अरब के बड़े शहरों में आ रही बाढ़ और रेगिस्तानी इलाकों में हरियाली दिखने से दुनिया हैरान है। इस घटना को पैगंबर मोहम्मद की एक भविष्यवाणी से जोड़ा जा रहा है और कयामत का दिन करीब होने की बात कही जा रही है। सोशल मीडिया पर सऊदी शहरों में बाढ़ और हरियाली की तस्वीरों को शेयर करते हुए कह रहे हैं कि ये वही हो रहा है, जो पैगंबर ने कहा था।
सोशल मीडिया पर पैगंबर मुहम्मद के एक कथन का जिक्र हो रहा है। इसमें कहा गया है कि पैगंबर ने 1400 साल पहले कहा था, ‘कयामत का दिन तब तक नहीं आएगा जब तक लोगों के पास धन बहुत ज्यादा ना हो जाए। इतना ज्यादा कि एक आदमी जकात देना चाहे लेकिन उसे कोई लेने वाला ना मिले। वहीं इसकी दूसरी निशानी ये है कि कयामत से पहले अरब की जमीन फिर से घास के मैदानों और नदियों में बदल जाएगी। ये पवित्र शहर जो कभी हरियाली से भरे थे, फिर से हरेभरे हो जाएंगे।’
मक्का और मदीना में आने वाले तीर्थयात्री भी इन शहरों में बारिश और रेगिस्तान में हरियाली देखकर हैरान हो रहे हैं। इस्लाम में मान्यता रखने वाले लोग इसे कयामत की निशानी की तरह देख रहे हैं। दूसरी ओर भूवैज्ञानिकों का कहना है कि भारी बारिश और हरियाली का वापस आना जलवायु परिवर्तन की वजह से है। एक्सपर्ट इसे गंभीरता से लेने की चेतावनी दे रहे हैं।
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