Jaipur News: सहकारी सोसायटियों के गठन,कारोबार,वित्तीय अनियमितताओं और फर्जीवाड़े के मामले में सहकारिता विभाग सख्त हो गए है. धारा-55 और 57 के तहत जांच में देरी के बाद अफसरों को नोटिस थमाए गए है.जांच परिणाम जारी नहीं करने पर अधिकारी पर भी शिकंजा कसा जाएगा.
पेंडिंग चल रही जांच को पूरा करने के निर्देश
राजस्थान के सहकारी सोसायटियों में फर्जीवाड़े की जांच में देरी के बाद अब अफसरों पर शिकंजा कसा जाएगा.सोसायटियों के गठन,कारोबार,वित्तीय अनियमितताओं और फर्जीवाड़े में जांच में लगातार देरी की जा रही है.सहकारिता सचिव और रजिस्ट्रार मंजू राजपाल ने धारा-55 और 57 के तहत त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिये,ताकि सहकारी सोसायटियों के गठन से मिलने वाले लाभों से उनके सदस्य वंचित न रहें.सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने लम्बे समय से पेंडिंग चल रही जांच को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये थे.
इतने प्रकरणों की जांच पेंडिंग
धारा-55 के 242 प्रकरण में से सिर्फ 67 प्रकरणों में जांच पूरी हुई है,जबकि धारा-57(1) के 318 प्रकरणों में से 91 और धारा-57(2) के 232 प्रकरणों में से 89 प्रकरणों में सरचार्ज निर्धारित कर दिया गया है. सहकारिता सचिव और रजिस्ट्रार मंजू राजपाल ने बताया कि एक माह की अवधि में भी जिन अधिकारियों ने कोई जांच रिपोर्ट नहीं दी या जांच परिणाम जारी नहीं हुए तो उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए गए है.सहकारी सोसायटियों में किसी प्रकार की अनियमितता या कोताही को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
अफसरों पर होगी कार्रवाई
सचिव ने खण्डीय पंजीयकों को निर्देश दिये कि बिना किसी ठोस कारण के जांच कार्य में विलम्ब करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए.धारा-57 में सरचार्ज किसी भी सहकारी सोसायटी के संगठन या प्रबंधन में भाग लेने वाले अधिकारी,कर्मचारी द्वारा यदि नियमों या उपविधियों के विरूद्ध कार्य किया हो,सोसायटी की आस्तियों में कमी कर दी हो या सोसायटी के धन का दुरुपयोग कर लिया हो या उसको हड़प लिया हो, ऐसे अधिकारी, कर्मचारी या पदाधिकारी के विरूद्ध धारा 57 में आचरण की जांच कर दायित्व का निर्धारण किया जाता है.अब देखना होगा कि अफसरों पर कब कार्रवाई की जाएगी?