Explore

Search
Close this search box.

Search

November 7, 2024 3:39 pm

लेटेस्ट न्यूज़

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने इस बात पर जताई नाराजगी……..’न्याय की देवी’ की नई प्रतिमा पर विवाद……..

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने शीर्ष अदालत के प्रतीक चिन्ह ‘न्याय की देवी’ की प्रतिमा में आमूलचूल बदलाव पर आपत्ति जताई है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने इस बदलाव के खिलाफ सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों के पुस्तकालय में न्याय की देवी की छह फुट ऊंची नई प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसके एक हाथ में तराजू और दूसरे हाथ में तलवार की जगह संविधान है। सफेद पारंपरिक पोशाक पहने ‘न्याय की देवी’ की नई प्रतिमा की आंखों पर पट्टी भी नहीं बंधी है और सिर पर मुकुट है।

Health Tips: शरीर में दिखेंगे ये 5 बदलाव……..’रोजाना 30 मिनट करें वॉक…….

एससीबीए ने एकतरफा फैसले पर जताई नाराजगी

एससीबीए (सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन) के अध्यक्ष कपिल सिब्बल और कार्यकारी समिति के अन्य सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव में उस स्थान पर प्रस्तावित संग्रहालय पर भी आपत्ति जताई गई है, जहां उन्होंने बार के सदस्यों के लिए कैफे-लाउंज बनाने की मांग की थी। प्रस्ताव में कहा गया है, ‘उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति ने पाया है कि हाल ही में न्यायालय ने बार से परामर्श किए बिना एकतरफा तरीके से अपने प्रतीक चिह्न और न्याय की देवी की प्रतिमा में कुछ आमूलचूल बदलाव बदलाव किए हैं। न्याय व्यवस्था में हम समान रूप से हिस्सेदार हैं, लेकिन इन बदलावों के प्रस्ताव के बारे में हमसे कभी बात नहीं की गई। हम इन बदलावों से जुड़े तर्क से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं।’

आपत्ति के बावजूद शुरू हुआ संग्रहालय का काम

एससीबीए ने कहा कि वह उच्च सुरक्षा क्षेत्र में प्रस्तावित संग्रहालय का सर्वसम्मति से विरोध करता है तथा वहां एक पुस्तकालय और एक कैफे-लाउंज की मांग दोहराता है। प्रस्ताव में कहा गया है, ‘एक संग्रहालय का प्रस्ताव पूर्व न्यायाधीशों के पुस्तकालय में किया गया है, जबकि हमने बार के सदस्यों के लिए एक पुस्तकालय, कैफे सह लाउंज की मांग की थी, क्योंकि वर्तमान कैफेटेरिया बार के सदस्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है। हम चिंतित हैं कि पूर्व न्यायाधीशों के पुस्तकालय में प्रस्तावित संग्रहालय के खिलाफ हमारी आपत्ति के बावजूद, संग्रहालय के लिए काम शुरू हो गया है।’

ग्रीक देवी जस्टिशिया से जोड़ा जाता है न्याय की देवी का इतिहास

‘लेडी जस्टिस’ (न्याय की देवी) की उत्पत्ति का इतिहास और पौराणिक कथाओं दोनों में है, और इसे आमतौर पर न्याय की ग्रीक देवी, जस्टिशिया से जोड़ा जाता है। जबकि उसकी आंखों पर पट्टी निष्पक्षता और न्याय को दर्शाती थी, तलवार कानून की ताकत का प्रतीक थी। दुनिया भर में ‘लेडी जस्टिस’ की कई मूर्तियां और पेंटिंग हैं, लेकिन सभी में उसे आँखों पर पट्टी बांधे हुए नहीं दिखाया गया है। विद्वानों का दावा है कि आंखों पर पट्टी, उसके दृश्य प्रतीकवाद में बाद में जोड़ी गई थी।

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर