जयपुर. पीटीआई भर्ती में मिसमैच दस्तावेज की राजस्थान कर्मचारी बोर्ड ने जांच शुरू कर दी है। बोर्ड ने आशंका जताई है कि करीब 200 अभ्यर्थियों ने भर्ती में फर्जी डिग्री लगाई है। अब जांच के बाद बोर्ड ऐसे अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। इनको डिबार किया जाएगा। दरअसल, एसओजी ने चूरू की ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री और खेल सर्टिफिकेट जारी होने का खुलासा किया था। एसओजी की इस कार्रवाई के बाद पीटीआई और तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में लगाए गए डिग्री और खेल सर्टिफिकेट पर भी सवाल खड़े हो गए थे। सबसे अधिक फर्जीवाड़ा पीटीआई भर्ती में सामने आ रहा है। बोर्ड के पास बैकडेट में डिग्री लगाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसके बाद बोर्ड ने जांच शुरू कर दी है।
सैकड़ों अभ्यर्थियों की डिग्री फर्जी होने की आशंका
पीटीआई भर्ती में बोर्ड ने सैकड़ों अभ्यर्थियों की डिग्री फर्जी होने की आशंका जताई है। इसका कारण यह था कि अभ्यर्थियों ने आवेदन के समय बीपीएड डिग्री होने की जानकारी नहीं दी। लेकिन बाद में दस्तावेज जांच के समय यूपी, चूरू सहित अन्य जगहों की यूनिवर्सिटी से 2019 की डिग्री लेकर लगा दी। पीटीआई भर्ती में एक साथ बड़ी संख्या में आवेदन आने पर फर्जीवाड़े की आशंका जताई गई थी।
सारण से मिला था कनेक्शन, रोका था परिणाम
चयन बोर्ड ने पीटीआई भर्ती में 300 अभ्यर्थियों के परिणाम पर रोक लगाई थी। बोर्ड को सभी अभ्यर्थियों की डिग्रियों में खामियां मिलीं। बोर्ड ने अभ्यर्थियों से स्पष्टीकरण भी मांगा था। बोर्ड ने आशंका जताई थी कि 300 अभ्यर्थियों ने सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपरलीक सरगना भूपेन्द्र सारण से बीपीएड की डिग्रियां बैकडेट में ली हैं। सारण के पास से पुलिस को यूपी और राजस्थान की यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री और खेल सर्टिफिकेट मिले थे। बोर्ड ने 13 यूनिवर्सिटी की डिग्री पर सवाल खड़े कर शिक्षा विभाग को पत्र लिखा था।
इनका कहना है
पीटीआई भर्ती में कई अभ्यर्थियों के दस्तावेज मिसमैच होने की आशंका है। बोर्ड ने जांच शुरू कर दी है। जांच में दोषी पाए जाने वाले अभ्यर्थियों पर कार्रवाई होगी।