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October 28, 2025 6:12 pm

RBI Bulletin: वैकल्पिक स्रोतों का इस्तेमाल करने से आई गिरावट……..’क्रेडिट ग्रोथ की तुलना में डिपॉजिट ग्रोथ पीछे……

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त बुलेटिन जारी कर दिया है। इस बुलेटिन में केंद्रीय बैंक ने बताया कि कमर्शियल पेपर और डिपॉजिट सर्टिफिकेट जैसे वैकल्पिक स्रोतों में क्रेडिट ग्रोथ की तुलना में डिपॉजिट ग्रोथ (Deposit Growth) पीछे है।

आरबीआई के लेख के अनुसार डिपॉजिट ग्रोथ में कमी और क्रेडिट विस्तार ने बैंकों को वैकल्पिक फंडिंग स्रोतों पर भरोसा करने के लिए प्रेरित किया।

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कमर्शियल पेपर और सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट में वृद्धि

वित्तीय वर्ष 2024-25 के 9 अगस्त तक सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट(CD) जारी करने की राशि 3.49 लाख करोड़ रुपये थी। यह पिछले वर्ष की समान अवधि में 1.89 लाख करोड़ रुपये से काफी ज्यादा है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 31 जुलाई तक कमर्शियल पेपर(सीपी) में भी वृद्धि हुई है। यह 4.86 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 4.72 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।

आरबीआई बुलेटिन के अनुसार बैंक लोन मांग को पूरा करने के लिए शॉर्ट-टर्म नॉन-रिटेल डिपॉजिट और देयता के अन्य साधनों का अधिक सहारा ले रहे हैं। यह बैंकिंग सिस्टम को संरचनात्मक तरलता के मुद्दों में उजागर कर सकता है।

आरबीआई के द्विमासिक मौद्रिक नीति के फैसलों का एलान करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हाउलहोल्ड सेविंग के वैकल्पिक निवेश मार्गों खुल रहे हैं जो कि चिंता का विषय है। इसके अलावा बैंकों से अपने विशाल शाखा नेटवर्क का लाभ उठाकर नए प्रोडक्ट और सर्विस के माध्यम से जमा जुटाना होगा।

एक आधिकारिक बयान में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पब्लिक सेक्टर बैंकों (पीएसबी) को कुशल ग्राहक सेवा वितरण के लिए अपने ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध रखने की सलाह दी।

इसके लिए बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कर्मचारी खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के ग्राहकों से जुड़ें।

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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