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November 23, 2024 1:25 am

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Tips to keep kids healthy during monsoon: सुरक्षित रखेंगे ये टिप्स…….’बारिश में भीगने से बच्चे पड़ सकते हैं बीमार…..

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बारिश का मौसम आते ही बच्चों की मौज मस्ती के साथ पेरेंट्स की टेंशन भी शुरू हो जाती है। छोटे बच्चे कमजोर इम्यूनिटी होने की वजह से इस मौसम में ज्यादा बीमार पड़ते हैं। बरसात ही वो समय होता है, जब हर जगह पानी भरने की वजह से जगह-जगह मच्छर पनपने लगते हैं। जो आसपास कई तरह के इन्फेक्शन और डेंगू-मलेरिया बुखार का खतरा पैदा करते हैं। ऐसे में अगर आपका बच्चा भी खेलने के लिए दोस्तों के साथ घर से बाहर निकलता है तो उसे मानसून के दौरान बीमार पड़ने से बचाएंगे ये टिप्स।

बारिश में बीमार होने से बचाएंगे ये टिप्स-
बच्चों को ना जाने दें बाहर-

बारिश के समय बच्चों को अनावश्यक बाहर जाने से रोकें। बारिश के मौसम में सड़क पर जगह-जगह गंदगी रहती है। जिसके संपर्क में आने से बच्चों के संक्रमित होकर बीमार होने का खतरा ज्यादा बना रहता है।

डाइट का रखें खास ख्याल-

बरसात के मौसम में बच्चों को बीमार होने से बचाने के लिए उनकी डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए। इस मौसम में बच्चों की इम्‍यूनिटी को मजबूत करने के लिए डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स, नट्स, हरी सब्जियां ज्यादा शामिल करें। जबकि स्ट्रीट फूड,जंक फूड्स और ठंडी चीजें देने से बचें।

पानी में भीगने के बाद बच्चे को तुरंत नहलाएं-

बच्चे अकसर बारिश में भीगने की जिद्द करते हैं। लेकिन उन्हें ज्यादा देर तक पानी में भीगते रहने से बचाएं। बारिश के पानी में भीगने या मिट्टी में खेलकर आने के बाद बच्चों को तुरंत अच्छी तरह नहलाएं। ऐसे मौसम में बच्चे को धूल-मिट्टी लगे कपड़े न पहनने दें। याद रखें इस मौसम में हाइजीन का ध्यान रखने से बीमारियों का खतरा कम होता है।

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कैसे कपड़े पहनाएं-

मानसून के दौरान बच्‍चों को सूखे, हल्‍के गर्म कपड़े ईस्‍त्री करके पहनाएं। ऐसा करने से कपड़ों की नमी निकल जाएगी। इसके अलावा बात अगर शिशु की सेफ्टी की करें तो इस मौसम में बच्‍चे की नैपी भी बार-बार चेक करके उसका गीला डायपर बदलते रहें। ऐसा ना करने पर बच्चे को रैशेज या इंफेक्‍शन हो सकता है।

साफ पानी का सेवन करें-

बारिश के मौसम में अकसर कईबार नलों में गंदा पानी आता है, लेकिन आप यह सुनिश्चत करें कि आपका बच्चा हमेशा साफ पानी पिएं। इसे लिए पानी को उबालकर ठंडा करके बच्चे को पिलाएं। गंदा पानी पीने से बच्चे का पेट खराब होने के साथ उसे उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं।

मच्छरों से बचाव भी है जरूरी-

बरसात के मौसम में जगह-जगह सड़क और गड्ढों में पानी भरने से वहां मच्छर पनपने लगते हैं। जो कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ देते हैं। ऐसे में बारिश के मौसम में मच्‍छरों से बचने के लिए बच्‍चे को मॉस्किटो नेट के अंदर सुलाएं और उसे शाम को पूरी बाजू के कपड़े पहनाकर रखें। बच्चे को पार्क में खेलने से पहले उसकी टी-शर्ट और शरीर की खुली जगह पर मॉस्किटो क्रीम लगाएं ताकि मच्छर क्रीम की गंध से बच्चे के पास नहीं फटकेंगे।

आज के समय में पेरेंटिंग एक बड़ा चैलेंज बना हुआ है। समाज में इतना खुलापन आ गया है कि बच्चे कहीं से कुछ भी सीख जाते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, रील्स और ओटीटी प्लेटफार्म की वेबसीरीज में गाली गलौज वाली लैंग्वेज का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है। लाख कोशिशों के बावजूद भी बच्चे इस तरह की लैंग्वेज सुन ही लेते हैं और जल्द ही सीख भी जाते हैं। कई बार पब्लिकली बच्चे इस तरह की लैंग्वेज का इस्तेमाल भी कर देते हैं, जिससे मां-बाप को शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ती है। अगर आपका बच्चा गाली देना सीख गया है तो आज हम आपके लिए कुछ आसान सी टिप्स लेकर आए हैं जिनकी मदद से उसकी ये आदत छूट जाएगी।

गुस्सा होने के बजाय पेशेंस से लें काम

अपने बच्चे को गाली देते हुए सुनने के बाद कोई भी व्यक्ति अपना आपा खो देगा। लेकिन अपने बच्चों के मुंह से गाली वाली लैंग्वेज सुनने के बाद आपको आपा खोने के बजाय पेशेंस से काम लेने की जरूरत है। बच्चों को सही-गलत का अंतर पता नहीं होता है। यह भी हो सकता है कि बच्चे ने जिस लैंग्वेज का इस्तेमाल किया है, उसे उसका मतलब भी पता ना हो। इसलिए आपको बच्चे पर गुस्सा होने के बजाय, शांति से उसे समझाना चाहिए और सही गलत का मतलब बताना चाहिए।

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