चमोली-केदारनाथ हाईवे पर गोपेश्वर के जीरो बैंड के पास चेकिंग के दौरान लखनऊ में तैनात उत्तर प्रदेश पुलिस के एक डीएसपी बिना नंबर प्लेट और लाल-नीली बत्ती लगाकर निजी कार से सफर करते मिले। पुलिस ने उन्हें रोककर कारण पूछा तो वह थानाध्यक्ष पर ही रौब झाड़ने लगे और उच्च अधिकारियों को मौके पर बुलाने के लिए धौंस जमाने लगे।इस पर थानाध्यक्ष गोपेश्वर ने उनकी एक न सुनी और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी पर उनका एमवी एक्ट में एक हजार रुपये का चालान कर दिया।
साथ ही कार पर लगी बत्ती व शीशों पर चढ़ी काली फिल्म उतारकर भविष्य में ऐसा न करने की सख्त हिदायत दी।चमोली-केदारनाथ हाईवे पर गोपेश्वर के जीरो बैंड के पास चेकिंग के दौरान लखनऊ में तैनात उत्तर प्रदेश पुलिस के एक डीएसपी बिना नंबर प्लेट और लाल-नीली बत्ती लगाकर निजी कार से सफर करते मिले। पुलिस ने उन्हें रोककर कारण पूछा तो वह थानाध्यक्ष पर ही रौब झाड़ने लगे और उच्च अधिकारियों को मौके पर बुलाने के लिए धौंस जमाने लगे।
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गाड़ी पर लगी थी नीली बत्ती
मामला चमोली जिले के गोपेश्वर नगर क्षेत्र का है। गोपेश्वर थानाध्यक्ष कुलदीप सिंह राष्ट्रीय राजमार्ग 107 पर जीरो बैंड तिराहे के पास केदारनाथ से बदरीनाथ की तरफ जा रहे यात्री वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इतने में उन्हें लाल नीली बत्ती लगी बिना नंबर प्लेट की एक मारुति आर्टिगा कार तेज रफ्तार से जीरो बैंड से चोपता की ओर जाती दिखी।
एसओ ने कार को रुकवाया और चालक से बिना नंबर प्लेट की गाड़ी पर लाल-नीली बत्ती लगाने का कारण पूछा। इतने में कार से उतरकर एक व्यक्ति ने एसओ को अपना परिचय यूपी के डिप्टी एसपी (डीएसपी) के तौर पर दिया और एसओ से अभद्रता शुरू कर दी। साथ ही डीएसपी बताने वाला व्यक्ति एसओ को उनके उच्च अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग करने लगा। पुलिस ने उससे आइकार्ड मांगा तो वह कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके।
मौके पर डीएसपी का तमाशा देख लोगों की भीड़ एकत्रित होने लगी। इसके बाद थानाध्यक्ष कुलदीप सिंह ने गाड़ी पर काली फिल्म लगी होने पर गाड़ी का चालान करने के साथ ही गाड़ी से नीली बत्ती भी उतार कर भविष्य में ऐसा न करने की चेतावनी दी।