बसपा का पूर्व एमएलसी इकबाल एक बार फिर सुर्खियों में है। ईडी ने उसकी 4,440 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। परचून की दुकान और शहद बेचने से खनन माफिया बनने के बीच इकबाल ने कई पड़ाव देखे।
उसका बसपा और सपा दोनों सरकारों में दबदबा था, जिसमें उसने हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति खड़ी कर ली। 2017 में प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के साथ ही इकबाल के बुरे दिन शुरू हो गए। कार्रवाई का शिकंजा कसते देख वह दुबई भाग गया।
खनन कारोबार में हाजी इकबाल का बड़ा नाम
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खनन कारोबार में हाजी इकबाल का बड़ा नाम रहा है। आय से अधिक संपत्ति, अपार धन-दौलत के मामलों में चर्चित इकबाल का नाम बसपा सरकार में कौड़ियों के भाव चीनी मिल खरीदने में भी आया था, जिससे उसने अरबों की संपत्ति जुटाई। इसी संपत्ति पर 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद जांच बैठाई गई। करीब चार साल तक जांच चली।
दो साल पहले की थी संपत्ति कुर्क
दो साल पहले तत्कालीन एसएसपी आकाश तोमर के समय में सबसे पहले 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई। इसके बाद फिर से 500 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई। इकबाल और उसके परिवार के खिलाफ लोगों को धमकाने, अवैध कब्जा करने, अवैध खनन करने और दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले दर्ज किए गए।
जुलाई 2022 में इकबाल के कई अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला दिया गया। वह गिरफ्तारी से बचने के लिए उसी साल दुबई भाग गया। अब ईडी ने इकबाल की 4,440 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है, जिसमें उनके ट्रस्ट की ग्लोकल यूनिवर्सिटी और कृषि भूमि शामिल है।
एक मुकदमे में दुबई से हुई ऑनलाइन पेशी
एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि एक मुकदमे में इकबाल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दुबई से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराए थे। इस समय इकबाल पर 38 मुकदमे दर्ज हैं। हालांकि, हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कुछ मुकदमे खारिज भी किए गए। इकबाल का पासपोर्ट निरस्त कराकर उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था। एक माह पहले भी लुकआउट नोटिस का रिमाइंडर भेजा गया था।